जिनपिंग ने PM मोदी और पाक राष्ट्रपति की मौजूदगी को बताया ‘महान क्षण’, कहा- इससे बढ़ेगी SCO की ताकत
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार (10 जून) को कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भारत और पाकिस्तान के शामिल होने से इसकी ताकत और बढ़ेगी. उन्होंने आठ सदस्यीय इस समूह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन का स्वागत किया. चीन स्थित एससीओ में पिछले वर्ष भारत और पाकिस्तान के सदस्यों के रूप में शामिल होने के बाद से मोदी और हुसैन पहली बार इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.
18 वें एससीओ सम्मेलन की मेजबानी कर रहे जिनपिंग ने अपने शुरुआती भाषण में कहा कि यहां पूर्वी चीनी बंदरगाह शहर में आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति हुसैन की उपस्थिति ‘‘महान ऐतिहासिक क्षण’’ है. जिनपिंग ने कहा, ‘‘संगठन शंघाई भावना के लिए खड़ा है. उन्होंने आम, व्यापक, समग्र, सहकारी और दीर्घकालीन सुरक्षा का आह्वान किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें शीत युद्ध की मानसिकता और गुटों के बीच टकराव को खारिज करना चाहिए और अन्य देशों की सुरक्षा के खर्च पर स्वयं की पूर्ण सुरक्षा के चलन का विरोध करना चाहिए, ताकि सभी देशों को सुरक्षा प्राप्त हो सके.’’
जिनपिंग ने कहा, ‘‘हमें आत्म केन्द्रित, अदूरदर्शी और बंद कमरे की राजनीति को खारिज करना चाहिए. हमें डब्ल्यूटीओ नियमों को कायम रखना चाहिए और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का समर्थन करना चाहिए ताकि खुली दुनिया की अर्थव्यवस्था का निर्माण हो सके.’’ चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि समानता, पारस्परिक शिक्षा, वार्ता, संस्कृतियों के बीच समावेश का समर्थन किया जाना चाहिए. उन्होंने समस्याओं को दूर करने, जोखिमों को कम करने और चुनौतियों से निपटने के लिए ‘शंघाई भावना’ को आगे बढ़ाने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन्नत, समन्वित, खुले और समावेशी विकास को बनाए रखना चाहिए और विभिन्न देशों की समन्वित, सामाजिक तथा आर्थिक प्रगति को हासिल करना चाहिए और असंतुलित विकास के कारण उत्पन्न हुए मुद्दों को हल करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें विकास में आई खाई को पाटना चाहिए और साझा समृद्धि को बढ़ावा देना चाहिए.”
जिनपिंग ने कहा कि एससीओ सदस्य देशों को आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए सहयोग के 2019-2021 कार्यक्रम को सक्रिय रूप से लागू किये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सदस्य देशों को रक्षा, सुरक्षा, कानून प्रवर्तन सुरक्षा और सूचना सुरक्षा पर सहयोग को बढ़ाना चाहिए.
उन्होंने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में शांति और पुनर्निर्माण के लिए एससीओ-अफगानिस्तान संपर्क समूह की भूमिका के पूर्ण निर्वहन के लिए प्रयास किये जाने का भी आह्वान किया. जिनपिंग ने कहा कि एससीओ सदस्य देशों को साझा विकास हासिल करने के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने की जरूरत है.
भारत और पाकिस्तान के इस संगठन का पूर्ण सदस्य बनने के बाद यह पहला मौका है जब भारतीय प्रधानमंत्री इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हैं. इस संगठन में चीन और रूस का दबदबा है. इस संगठन को नाटो के समकक्ष माना जा रहा है. एससीओ में अभी आठ सदस्य देश हैं जो दुनिया की करीब 42% आबादी और वैश्विक जीडीपी के 20% का प्रतिनिधित्व करता है.
मोदी के अलावा इस शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन भी शामिल हुए हैं. वर्ष 2001 में स्थापित इस संगठन के भारत के अलावा रूस, चीन, किर्गीज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान सदस्य हैं