मध्य प्रदेश

4 हजार वर्गफीट में संगमरमर से बन रहा भव्य मंदिर, 15 मूर्तियां होंगी स्थापित

शहर के पूर्वी क्षेत्र स्थित निपानिया बायपास पर संगमरमर से श्वेतांबर जैन समाज के 8वें तीर्थंकर चंद्रप्रभ भगवान के पहले मंदिर ने आकार लिया है। इस मंदिर की खासियत यह है कि दिव्यांगों और बुजुर्गों को मंदिर में प्रवेश में दिक्कत न आए इसलिए 20 फीट ऊंचाई तक जाने और साढ़े छह फीट चौड़े दो रैंप आवाजाही के लिए बनाए गए हैं। मंदिर करीब ढाई करोड़ की राशि से पिछले ढाई साल में बनकर तैयार हुआ है। उड़ीसा, राजस्थान और उप्र के 80 कारीगरों ने इसे साकार रूप दिया है।

मंदिर की दीवारों पर जैन धर्म के विभिन्ना रंगों को कारीगरों द्वारा उकेरा गया जो आकर्षण का केंद्र हैं। मंदिर का निर्माण 4 हजार वर्गफीट में किया गया है। इसकी लंबाई करीब 89 फीट जबकि चौड़ाई 45 फीट के करीब है। जमीन से गुंबद की ऊंचाई 58 फीट है। मंदिर की मूल वेदी पर तीर्थंकर चंद्रप्रभ की संगमरमर की प्रतिमा विराजित की जाएगी। साथ की पास की वेदी पर शीतलनाथजी और सुमतिनाथजी होंगे। इसके साथ भगवान महावीर स्वामी की पंचधातु, पार्श्वनाथ, मणिभद्र, नाकोड़ाजी और देवी लक्ष्मी, सरस्वती, पदमावती सहित करीब 15 मूर्तियां प्रतिष्ठित होंगी। गर्भगृह का द्वार साढ़े नौ फीट की ऊंचाई वाला लगाया जा रहा है। इसके चलते मुख्य द्वार से भगवान के पूर्ण स्वरूप के दर्शन आने वाले भक्तों को होंगे। दीवारों पर सूर्य, कलश, गुंबद, फूल-पत्ते और देवी-देवताओं के चित्र उकेरे गए हैं।

तीन हजार वर्गफीट में तीन मंजिल आराधना भवन

मंदिर के सामने ही तीन हजार वर्गफीट में रत्नाश्रयी आराधन भवन भी बनाया गया है। इसकी पहली मंजिल पर प्रवचन हॉल, दूसरे पर संत निवास बनाए गए हैं। इसके साथ ही तीसरी मंजिल पर गुरु भगवंतों को रहने के लिए 5 कमरे भी हैं। यहां संतों के प्रवचन के साथ विभिन्ना धार्मिक अनुष्ठान हो सकेंगे।

पहला मंदिर जहां निशक्तों के लिए रैंप

श्वेतांबर जैन समाज का शहर का यह पहला मंदिर है जहां दिव्यांगों और बुजुर्गों को श्रद्धालुओं के लिए रैंप बनाया गया है। मंदिर में प्रवेश के लिए एक रैंप जमीन से 20 फीट की ऊंचाई तक साढ़े छह फीट चौड़ा है। दूसरा रैंप मंदिर से वापस जाने के लिए इतना ही चौड़ा बनाया गया है। रैंप के जरिए आसानी से चलकर या व्हील चेयर के जरिए मंदिर के मुख्य हॉल तक पहुंचा जा सकता है। – कल्पक गांधी, अध्यक्ष वीरमणी चंद्रप्रभ स्वामी जैन श्वेतांबर मंदिर एवं उपाश्रय रिलिजियस ट्रस्ट

फैक्ट फाइल

– 4 हजार वर्गफीट में लिया आकार।

– 3 हजार वर्गफीट में प्रवचन-संत निवास।

-58 फीट ऊंचाई गुंबद तक।

– 15 मूर्तियां प्रतिष्ठित होंगी

– 80 कारीगरों ने उकेरी कलाकृतियां।

शहर में पहली बार नजर आएंगे मूल वेदी पर 8वें तीर्थंकर

श्वेतांबर जैन समाज के करीब 25 जैन मंदिर शहर में हैं। इसमें अब तक ऐसा कोई मंदिर नहीं था जिसमें मूल वेदी पर 8वें तीर्थंकर चंद्रप्रभ भगवान के दर्शन होते हो। भगवान चंद्रप्रभ का श्वेतांबर जैन समाज का यह पहला मंदिर है –

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