नवाज के घर इस बार नहीं है ईद की खुशी, कुलसुम को लेकर बनी हुई है चिंता
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर पर ईद की खुशी इस बार दिखाई नहीं दे रही है। वजह है कुलसुम नवाज के ऊपर मंडराता बुरा साया। लंदन के अस्पताल में नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज की हालत बेहद खराब है। गुरुवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया है। फिलहाल नवाज और उनकी बेटी मरियम दोनों ही लंदन में कुलसुम के पास हैं, लेकिन उनकी हालत को लेकर लगातार चिंता बनी हुई है। कुलसुम पाकिस्तान में नेशनल असेंबली की सदस्य हैं। नवाज शरीफ को कोर्ट द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के बाद हुए उपचुनाव में कुलसुम ने नेशनल असेंबली की 120 सीट पर जीत दर्ज की थी।
कुलसुम को जिताने में मरियम ने झोंकी थी ताकत
इस चुनाव में उन्हें जीत दिलाने में नवाज शरीफ के साथ-साथ जिसने सबसे ज्यादा ताकत झोंकी थी वह थी नवाज की बेटी मरियम। मरियम अपने पिता और अम्मी के काफी करीब मानी जाती हैं। यही वजह है कि जब कुलसुम को दिल का दौरा पड़ने की बात सामने आई तो मरियम ने ट्विटर पर यह जानकारी देते हुए लिखा कि वह अपनी मां को देखने लंदन जा रही हैं। उन्होंने सभी लोगों ने अपनी मां की सेहत के लिए दुआ करने को भी लिखा था। गौरतलब है कि कुलसुम नवाज पिछले वर्ष सितंबर से ही लंदन के अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें गले का कैंसर हैं। उनकी कई बार सर्जरी भी की जा चुकी है। लेकिन फिलहाल उनकी हालत बेहद नाजुक है।
पिछले वर्ष धूमधाम से मनाई थी 46वीं सालगिरह
बहरहाल, आपको बता दें कि 2 मई को ही नवाज शरीफ और कुलसुम नवाज की शादी की 47वीं सालगिरह थी। लेकिन कुलसुम के अस्पताल में भर्ती होने की वजह से पिछले वर्ष की तरह इस बार इसका जश्न नहीं मनाया जा सका। पिछले वर्ष 46वीं सालगिरह का जश्न नवाज ने लाहौर में काफी धूमधाम से मनाया था। उस वक्त मरियम ने इस जश्न की फोटो ट्विटर पर शेयर भी की थीं। यहां आपको ये भी बता दें कि शरीफ परिवार के लिए यह समय काफी मुश्किलों भरा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां एक ओर पाकिसतान में आम चुनाव का समय तय हो चुका है, वहीं इस चुनाव में लड़ने से नवाज समेत मरियम अयोग्य करार दिए जा चुके हैं। वहीं कुलसुम की हालत को देखते हुए यह कहना काफी मुश्किल है कि वह इस चुनाव में शिरकत कर पाएंगी। हालांकि जब से वह नेशनल असेंबली का चुनाव जीती हैं तब से लेकर आज तक वह एक बार भी असेंबली नहीं जा सकी हैं।
नवाज के जीवन में कुलसुम का योगदान
आपको यहां पर ये भी बता दें कि कुलसुम का नवाज के जीवन में काफी अहम योगदान रहा है। जिस वक्त पाकिस्तान के तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज को जीवनदान के बदले में देश छोड़ने का फरमान सुनाया था, उस वक्त भी कुलसुम ने ही आगे बढ़कर मोर्चा संभाला था। नवाज के सऊदी अरब में रहते हुए कुलसुम ने ही उनकी पार्टी को न सिर्फ जिंदा रखा था बल्कि आम चुनाव में पार्टी को जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। यह कहना कहीं भी गलत नहीं होगा कि कुलसुम हमेशा से ही नवाज की ताकत बनती रही हैं। सात वर्षों तक जबरन देश निकला सहने वाले नवाज की वतन वापसी का श्रेय भी कुलसुम को ही जाता है।
नवाज परिवार से छूटी सियासत की डोर
कोर्ट के सख्त रुख की वजह से नवाज परिवार के हाथों से सियासत की डोर काफी हद तक छूट चुकी है। फिलहाल नवाज की पार्टी पीएमएल एन की कमान नवाज के भाई शाहबाज के हाथों में है और वो आम चुनाव में एक या दो जगह से नहीं बल्कि तीन जगह से मैदान मे हैं। हालांकि पहले से ही नवाज के वारिस के तौर पर उनकी बेटी मरियम का ही नाम लिया जाता रहा है। लेकिन कोर्ट के सख्त रुख ने इस पर फिलहाल पानी फेर दिया है। आपको बता दें कि मरियम का योगदान पीएमएलएन में काफी अहम रहा है। बीते आम चुनाव में उन्होंने सोशल मीडिया का जिम्मा संभाला था। वह नवाज की राजनीति का अहम हिस्सा रही हैं। इसके अलावा पार्टी की यूथ विंग से भी सीधेतौर पर जुड़ी हुई हैं। पाकिस्तान का यह आम चुनाव कई मायनों में दिलचस्प होने वाला है। इसकी वजह एक ये भी है कि नवाज परिवार का कोई सदस्य इस चुनाव में शिरकत नहीं कर रहा है। वहीं इस चुनाव में नवाज अपनी पूरी ताकत नहीं झोंक पा रहे हैं।