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फरीदाबाद के डीसीपी विक्रम कपूर ने अपनी ही रिवॉल्वर से गोली मारकर की आत्महत्या

फरीदाबाद के डेप्युटी कमिश्नर ऑफ पुलिस विक्रम कपूर ने अपने आवास में ही खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने  वहा से एक सूइसाइड नोट  भी बरामद कर लिया  है जिसमें उन्होंने एक एसएचओ और एक स्थानीय नागरिक पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और घटनास्थल की फरेंसिक जांच हो रही है। पिछले 2 साल से वह फरीदाबाद में पोस्टेड थे और एक साल बाद ही उनका रिटायरमेंट था।

 

ड्राइंगरूम में ही डीसीपी कपूर ने की थी आत्महत्या 
डीसीपी एनआईटी विक्रम कपूर ने बुधवार सुबह पुलिस लाइन में अपने आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। डीसीपी ने गोली अपनी सर्विस रिवाल्वर से करीब 5.45 बजे मुंह के अंदर मारी है, जो खोपड़ी में ऊपर से निकली। उस समय उनकी पत्नी बाथरूम में थी। आवाज सुनकर बाहर आईं और पति को ड्राइंगरूम में खून से लथपथ पाया।

दो लोग हिरासत में लिए गए 
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कपूर के घर से एक सुसाइड नोट बरामद बरामद हुआ है जिसके आधार पर थाना भूपानी के प्रभारी अब्दुल शाहिद सहित दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। लेकिन कुछ सूत्रों ने  यह भी कहा है  कि इसमें एक थाना प्रभारी और एक अन्य व्यक्ति द्वारा डीसीपी को किसी मुद्दे पर ब्लैकमेल किए जाने की बात लिखी है। उन्होंने कहा कि यह घटना बुधवार सुबह करीब छह बजे हुई है |

कमिश्नर के पास है डीसीपी कपूर का सूइसाइड नोट 
डीसीपी का सुसाइड नोट कमिश्नर के पास है। सूत्रों के अनुसार, एक इंस्पेक्टर और एक सिविलियन पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। आरोपित इंस्पेक्टर अब्दुल सईद भूपानी थाने का एसएचओ है। फिलहाल पुलिस मामले की जाच कर रही है।

पिछले 2 साल से फरीदाबाद में पोस्टेड थे 
पति को इस हालत में देखने के बाद उन्होंने बेटे अर्जुन को जगाया। डीसीपी का एक साल बाद रिटायरमेंट था। उनके घर  पर फरेंसिक टीम जांच कर रही है। अभी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। विक्रम कपूर मूल रूप से अंबाला के रहने वाले थे और हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए थे। प्रमोशन पाकर वह आईपीएस बन चुके थे और पिछले दो साल से फरीदाबाद में तैनात थे।

पिछले साल कानपुर SSP ने की थी आत्महत्या 
पुलिस अधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की आत्महत्या के कई केस पिछले कुछ वर्ष में सामने आए हैं। पिछले साल 5 सितंबर को कानपुर से एसएसपी सुरेंद्र कुमार ने भी घरेलू विवाद के बाद जहर खाकर अपनी जान दे दी थी। पुलिस फिलहाल डीसीपी के आत्महत्या के कारणों की पड़ताल कर रही है।

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