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ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी विस्फोट में बढ़ा मौत का आंकड़ा, अमेरिका से मांगी मदद

 ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी फ्यूगो के फटने के बाद देश ने अमेरिकी सरकार से शरणार्थियों टेम्परेरी प्रोटेक्टिड स्टेटस (अस्थायी संरक्षित दर्जा) देने की मांग की है. ज्वालामुखी फटने की घटना तीन जून को हुई थी तब से अधिकारियों ने 112 लोगों के मारे जाने पुष्टि की है लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी लोग लापता हैं. 

राष्ट्रपति जिम्मी मोराल्स ने ट्विटर पर कहा , ‘‘ मैंने विदेश मंत्री को निर्देश दिया है कि वह ग्वाटेमाला के शरणार्थियों को अमेरिकी सरकार से टेम्परेरी प्रोटेक्टिड स्टेटस का तत्काल अनुरोध करें. ’’ विदेश मंत्री सैंड्रा जोवेल ने बाद में कहा ,‘‘ मैंने ट्रंप प्रशासन को पत्र भेज कर हमारे शरणार्थी भाइयों के हित में अऩुरोध किया था जिसका लक्ष्य उन नागरिकों को लाभ पहुंचाना है जो अमेरिका में वर्क परमिट के साथ रहते हैं. ’’ 

गौरतलब है कि इस स्टेटस के तहत शरणार्थियों को अस्थाई निवास और कार्य संबंधी लाभ दिए जाते हैं. सेल्वाडोर में 2001 में जनवरी और फरवरी में आए भीषण भूकंप के बाद उसके लोगों को यह स्टेटस दिया गया था. 

3 जून को हुआ था ज्वालामुखी में विस्फोट
रविवार(3 जून) को 3,763 मीटर ऊंचे ज्वालामुखी में विस्फोट हो गया जिससे आसपास के इलाकों में राख के बादल छा गये. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि पर्वत के दक्षिण छोर पर समुदायों में पीड़ितों की तलाश फिर से शुरू होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. ग्वाटेमाला की आपदा प्रबंधन एजेंसी के सर्गियो कबानास ने कहा , ‘‘ कई लोग लापता है लेकिन हमें यह नहीं पता कि कितने लोग लापता हैं. ’’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह विस्फोट में लोगों की मौत और बड़े नुकसान से बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र राष्ट्रीय बचाव एवं राहत प्रयासों में मदद करने के लिए तैयार है.

पहले दिन 25 थी मृतकों की संख्या
देश की आपदा प्रबंधन एजेंसी नेशनल कॉर्डिनेटर फॉर डिजास्टर रिडक्शन के प्रवक्ता ने एक व्हाट्सएप ग्रुप में कहा, ‘रात नौ बजे तक मृतकों की संख्या 25 थी.’ प्रवक्ता ने कहा कि लापता और मृतकों के लिए खोज एवं बचाव अभियान कम रोशनी और खतरनाक स्थितियों के कारण रद्द कर दिया गया है. ज्वालामुखी फटने से आसपास के इलाके में आसमान में राख फैल गई. इससे पहले आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रमुख सर्गियो कबानास और राष्ट्रपति जिम्मी मोराल्स ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि घटना में सात लोगों की मौत हो गई, 20 घायल हो गए और 17 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए

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