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मोहन भागवत ने गोरखपुर में कार्यक्रम किया और कही यह बात।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के चार दिवसीय कार्यकर्ता बैठक में दूसरे दिन पर्यावरण, सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, धर्मजागरण, समग्र ग्राम विकास पर चर्चा हुई. इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज को एक साथ लेकर गांव-गांव जाकर भारतीय जीवन मूल्यों के प्रकाश में इस प्रकार के वातावरण का निर्माण करना चाहिए, जिससे समाज के सज्जन लोग समाज परिवर्तन हेतु चल रही गतिविधियों के साथ जुड़ते चले जाएं.

संघ प्रमुख ने कहा कि बिना किसी प्रचार और शासन सत्ता के सहयोग से सहज रीति से कार्यकर्ता उनके साथ मिलकर यथाशीघ्र परिवर्तन का प्रकट रूप खड़ा करें. पूरा समाज सभी प्रकार के आपसी भेदभाव को भूलकर, समाज को सभी विकारों से मुक्त होकर समरस भाव से खड़ा हो.

भागवत ने इस मौके पर कहा कि कुछ विकृतियों के कारण समाज का तानाबाना टूटा है. जाति-पाति, विषमता, स्पृष्यता जैसे सामाजिक विकार शीघ्र समाप्त होने चाहिए. समाज का मन बदलना चाहिए. सामाजिक अहंकार और हीनभाव दोनों समाप्त होने चाहिए. लंबे समय से समाज तोड़ कर विपरीत संवाद खड़ा किया जा रहा है. इसको समाप्त करने के लिए सामाजिक समरसता की महती आवश्यकता है.

संघ प्रमुख ने कहा कि पर्यावरण के असंतुलन और उसके दुष्प्रभावों से समाज को बचाने के लिए वृक्षारोपण, जल संरक्षण और प्लास्टिक मुक्त समाज के लिए समाज का प्रबोधन एवं प्रशिक्षण करने के लिए आग्रह किया

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