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लखनऊ में दोपहिया वाहनों पर हो रहा बड़ा खेल। …..

बड़ी खबर राजधानी लखनउ जहा। …… अगर सूत्रों की मने तो पांच हजार रुपये दो और जाली कागज का सत्यापित कापी लो। यह खेल राजधानी में खूब फल-फूल रहा है। जालसाज बैंक और फाइनेंस कर्मियों से मिलकर पूरा फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। बैंकों से दोपहिया वाहनों पर लोन लेकर ठगी करने के आरोपितों के पकड़े जाने पर पूरा खेल उजागर हुआ छानबीन में पता चला है कि जाली कागजों का सत्यापन बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी सिर्फ खानापूर्ति के लिए करते रहे। फिजीकल वेरिफिकेशन न करने के एवज में ठगों से कर्मचारी प्रति गाड़ी पांच हजार रुपये कमीशन लेते हैं।

बैंक व फाइनेंस कंपनी को उन्हीं के कर्मचारी धोखा दे रहे हैं। फर्जी आइडी की पड़ताल तक नहीं की जाती है। इसका खामियाजा संबंधित बैंक को भुगतना पड़ता है कमीशन का लालच देकर ठगी का गिरोह लोगों का आइडी कार्ड हासिल करता है। इसके बाद उस पर किसी दूसरे व्यक्ति की फोटो चस्पा कर पता भी दूसरा डाल देते हैं। दोपहिया वाहन प्राप्त करने के बाद आरोपित दूसरे जिलों में उसे ले जाकर बेचते है वही बतादे की हुसैनगंज पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपितों ने बताया कि वह नई गाड़ी लोगों को सस्ते दामों पर बेच देते थे।

गाड़ी के कागजात दुरुस्त होने के कारण कोई शक भी नहीं करता था। खरीदार जब गाड़ी के कागजात को ट्रांसफर करने का दबाव बनाता था तो उसे टरकाते रहते थे। दबाव ज्यादा बनने पर उसे तकनीकी दिक्कत बताकर नई गाड़ी फाइनेंस कर दे देते थे। खरीदार उन्हीं रुपयों में नई गाड़ी पाकर खुश हो जाता था।

उधर, वापस ली गई गाड़ी को ठग किसी दूसरे शख्स को बेच देते थे साथ ही यह भी बताती चलू की इंस्पेक्टर हुसैनगंज अंजनी कुमार पांडेय के मुताबिक ठगों ने अब तक 100 से अधिक गाडिय़ां जाली कागजों पर फाइनेंस कराई हैं। बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, महोबा, रायबेरली, बहराइच समेत अन्य जिलों में भी गिरोह ने जाल फैलाया है। गिरोह के सरगना समेत अन्य की तलाश की जा रही है।

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