LIVE TVMain Slideअसमखबर 50दिल्ली एनसीआरदेशबड़ी खबर

WHO के अनुसार सिगरेट पीने वालों को कोरोना खतरा

दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों से सावधानी बरतने और साफ-सफाई का ध्यान रखने की अपील की जा रही है। भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इस बीच लोगों से भीड़ जमा करने या फिर भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने को कहा गया है। कोरोना वायरस के बारे में लोग सावधान तो हैं ही, लेकिन सशंकित भी हैं कि कहीं उन्हें इसका ज्यादा खतरा तो नहीं! कई स्टडी में यह बात तो साबित हो चुकी है कि इम्यून सिस्टम कमजोर रहने पर कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा है, वहीं यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार धूम्रपान करने वाले को भी कोरोना संक्रमण का बहुत ज्यादा खतरा है। कुछ अन्य रिपोर्ट में भी ऐसी बात कही गई है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से:

स्मोकिंग यानी धूम्रपान आपके फेफड़ों पर बुरा असर करता है। कोरोना वायरस के बारे में विशेषज्ञ बताते हैं कि यह यह वायरस हमारे फेफड़ों तक पहुंचता है और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या होता है। फेफड़ों में पहुंचकर यह ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है और हमारे अंगों तक पहुंचने से रोक देता है। ऐसे में फेफड़ों का कमजोर होना कोरोना संक्रमण की स्थिति में खतरनाक हो सकता है। कोरोना वायरस के सीधे फेफड़ों पर वार करने का मतलब यह है कि आपके फेफड़े मजबूत नहीं हों तो वायरस का मुकाबला कैसे कर पाएंगे।

यूरोपियन यूनियन हेल्थ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, धूम्रपान करने वाले लोगों का शरीर अतिसंवेदनशील बन जाता है और गंभीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता है। स्मोकिंग करने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण जल्दी होता है और रिकवरी के चांस स्वस्थ लोगों की अपेक्षा कम रहते हैं।यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक स्मोकिंग करने वाले लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण का बहुत ज्यादा खतरा होता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 80 फीसदी लोग जो इस बीमारी की चपेट में थे, उनमें वायरस के बहुत कम लक्षण दिखाई दिए थे, जबकि यूरोप में यह आंकड़ा 70 फीसदी होते हुए भी 10 में से 3 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत थी।

जो लोग ज्यादा धूम्रपान करते हैं तो उन्हें खतरे को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ देना चाहिए। पब्लिक हेल्थ चैरिटी एश के चीफ एग्जिक्यूटिव देबोराह आरनॉट का कहना है कि स्वस्थ लोगों के मुकाबले धूम्रपान करने वालों को निमोनिया होने का खतरा दुगना होता है इसलिए विशेषज्ञ धूम्रपान छोड़ने की सलाह देते हैं।

Related Articles

Back to top button