पॉलीटेक्निक छात्रा संस्कृति मर्डर केस: 10 दिन बाद भी नहीं सुलझी मिस्ट्री…
बलिया निवासी पॉलीटेक्निक की छात्रा संस्कृति का शव मिलने के दस दिन बाद भी पुलिस कातिल को गिरफ्तार नहीं कर सकी। घटना के विरोध में पॉलीटेक्निक के छात्र-छात्रओं ने एक बार फिर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पॉलीटेक्निक चौराहे पर छात्र-छात्रओं ने पुलिस विरोधी नारेबाजी करते हुए टायरों को आग के हवाले कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझाबुझाकर प्रदर्शन समाप्त कराया। छात्रों ने पहले भी प्रदर्शन कर पुलिस को 48 घटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन पुलिस वारदात का राजफाश न कर सकी। घटना के खुलासे के लिए एएसपी ट्रासगोमती व उनकी टीम, एएसपी उत्तरी व उनकी टीम, एएसपी क्राइम व उनकी टीम, सर्विलास सेल, एसटीएफ समेत अन्य टीमें लगाईं गईं हैं। फिर भी पुलिस अभी कातिलों का सुराग तक नहीं लगा सकी है। क्या थी घटना:
्रबलिया के भगवानपुर गाव निवासी अधिवक्ता उमेश कुमार राय की बेटी संस्कृति का पिछले साल पॉलीटेक्निक में दाखिला हुआ था। बीती 21 जून की रात छात्र को अपनी चंदौली निवासी सहेली के साथ ट्रेन से घर जाना था। रात करीब साढ़े नौ बजे उसकी बादशाहनगर रेलवे स्टेशन पहुंच गई। साथी छात्रा के स्टेशन पर न पहुंचने पर वह अकेली ही ट्रेन में बैठ गई। उधर, बेटी का फोन न लगने पर पिता ने लखनऊ निवासी एक रिश्तेदार को फोन करके पूरी बात बताई। रिश्तेदार ने रात में ही छात्रा के पिता की बात गाजीपुर इंस्पेक्टर से कराई। सुबह छात्र का शव मड़ियाव थाना क्षेत्र स्थित घैला पुल के पास मिला था।
क्राइम सीन रीक्रिएशन कर गुत्थी सुलझाने का प्रयास :
एएसपी ट्रासगोमती हरेंद्र कुमार और सीओ गाजीपुर अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने घैला पुल के पास घटनास्थल पहुंचकर का क्राइम सीन रीक्रिएट किया। एक पुतले को कपड़े पहनाकर उसे घटनास्थल पर रखकर सभी बिंदुओं से पड़ताल की गई। इस दौरान एफएसएल के डॉक्टर जी खान व उनकी टीम भी मौजूद रही।