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आइये जानते है उन 30 जिले के बारे में जहां 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से मिल सकती है राहत

उत्तर प्रदेश के 30 जिलों में अगर प्रधानमंत्री की सलाह पर सख्ती से अमल किया जाता रहा तो उन्हें 20 अप्रैल के बाद संभव है लाकडाउन से राहत मिल जाए। वजह है कि इन जिलों में अभी तक कोई भी कोरोना संक्रमण सामने नहीं आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा है कि जिन इलाकों में कोरोना का प्रकोप नहीं रहा वहां 20 अप्रैल के बाद राहत पर विचार किया जा सकता है। यूपी में अभी तक 75 जिलों में से 45 जिलों मे कोरोना संक्रमण है जबकि 30 जिले ऐसे हैं जहां कोई भी कोरोना पाजिटिव केस नहीं पाया गया है।

एटा, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, फतेहगढ़, कन्नौज, कानपुर देहात, अंबेडकरनगर, अमेठी, अयोध्या, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, सुलतानपुर, उन्नाव, उरई, बलिया, मऊ, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर प्रमुख हैं

पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारियों का मानना है कि इन जिलों में 20 अप्रैल के बाद छूट दिया जाना संभव है। इसके लिए जरूरी सुरक्षा इंतजाम भी करने पर विचार हो रहा है। अगर इन जिलों में सख्ती से लाकडाउन पर अमल होता रहा और सब कुछ ठीक रहा तो इन जिलों में कुछ खास शर्तों के साथ लाकडाउन से रियायत दी जा सकती है। लेकिन इस दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना होगा। वहीं पुलिस प्रशासन जिलों की सीमाएं भी सील रखेगी, ताकि जरूरी सामान आदि की ही आवाजाही की अनुमति दी जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ इलाकों में 20 अप्रैल के बाद समीक्षा उपरांत ढील देने का भी ऐलान किया है, लेकिन संभवत: मेरठ इस लिस्ट में नहीं आएगा। मेरठ में लगातार कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं और यहां 18 हॉट स्पॉट चिह्नित किए जा चुके हैं। इन इलाकों पर ड्यूटी देने वाली पुलिस में भी कोरोना का खौफ है। कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने वाले पांच पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन कराया गया है। ऐसे में मेरठ के लिए कोई छूट संभव नहीं है। ऐसा ही हाल आगरा का भी है।

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