जम्मू कश्मीरप्रदेश

जम्‍मू- कश्‍मीर में बन सकती है एक मिलीजुली सरकार

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में लगातार उठते बागी सुरों के बीच राज्य में सरकार के गठन की अटकलें भी जोर पकड़ने लगी हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा अब अपनी पुरानी सहयोगी पीडीपी में विभाजन करवाने के अलावा नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के भी कुछ विधायकों को तोड़कर अपने प्रमुख सहयोगी पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन व पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व में ‘खिचड़ी’ सरकार के गठन के प्रयास में है।

माना जा रहा है कि भाजपा सरकार में शामिल न होकर उसे बाहर से समर्थन दे सकती है।राज्य में सरकार के गठन की अटकलें जोर न पकड़तीं अगर गत सोमवार को पीडीपी के वरिष्ठ नेता और विधायक इमरान रजा अंसारी पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की क्षमता पर सवाल उठाते यह न कहते कि पीडीपी अब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी नहीं, परिवार डेवलपमेंट पार्टी बन चुकी है।

वह एक ऐसे संगठन से जुड़ना पसंद करेंगे, जिसमें खानदानी राज न हो। इमरान अंसारी से पहले उनके चाचा आबिद अंसारी, जो श्रीनगर के जडीबल इलाके के विधायक हैं, ने भी महबूबा मुफ्ती से बगावत का एलान किया था। इमरान अंसारी की बगावत के बाद पीडीपी के दो और विधायक अब्बास वानी और अब्दुल मजीद पडर ने भी पार्टी नेतृत्व पर पक्षपात और उपेक्षा के आरोप लगाते हुए कहा कि संगठन में लोकतंत्र नहीं, सिर्फ खानदानी राज है।पीडीपी में तेज होते बगावती सुरों के बीच भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने यह बयान देकर कि विभिन्न दलों के असंतुष्ट विधायक आगामी दिनों में एक मंच पर एकत्र हो सकते हैं, रियासत की सियासत में अंदरखाते पक रही खिचड़ी का संकेत दिया है।

हालांकि उन्होंने विभिन्न दलों में कौन-कौन से दल हैं, यह स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन नाराज विधायकों की तादाद कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस में भी काफी है, जो अपने लिए नए विकल्प तलाश रहे हैं।रियासत की सियासत पर नजर रखने वालों की मानें तो कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी या निर्दलीय विधायक सभी मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव स्थगित रखने के पक्षधर हैं।

ऐसे हालात में अगर किसी तरह कोई जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने का दावा करता है तो पीडीपी, नेकां और कांग्रेस में से कुछ लोग रियासत को सुशासन व लोगों को राहत देने का दावा कर एक नया सियासी मंच बनाने से नहीं चूकेंगे। 2016 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद कुछ दिनों तक सरकार के गठन को लेकर गतिरोध बना था, उस समय भी पीडीपी के कई विधायक महबूबा मुफ्ती को छोड़ भाजपा के साथ सरकार बनाने को तैयार नजर आए थे।

कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि मौजूदा हालात में 25 विधायकों वाली भाजपा कश्मीर में पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन के कंधे पर हाथ रखकर सरकार बनाने का लक्ष्य साध सकती है। सज्जाद लोन की पार्टी के दो विधायक हैं। वह पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस में कई नेताओं से घनिष्ठ संबंध रखते हैं। सरकार बनाने के लिए 44 विधायक चाहिए। पीडीपी के 28 विधायकों में अधिकांश महबूबा मुफ्ती से नाराज हैं। पांच खुले तौर पर बगावत का एलान कर चुके हैं। अगर यह पांच अपने साथ सात-आठ और विधायकों को लेकर अलग गुट बना सज्जाद का समर्थन करते हैं तो राज्य में एक खिचड़ी सरकार के गठन को नहीं रोका जा सकता।

विदित हो कि गत माह पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिरने के बाद 27 जून को भाजपा राष्ट्रीय महासचिव राममाधव कश्मीर आए थे। वह तीन दिन कश्मीर में रहे। इस दौरान उन्होंने भाजपा विधायकों की सज्जाद गनी लोन की मौजूदगी में बैठक ली थी। इसके अलावा वह कुछ और खास लोगों से भी श्रीनगर में मिले थे।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद तारिक हमीद करा ने राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर जारी अटकलों को हवा देते हुए कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है पीडीपी के कुछ विधायक एक बड़ी इनामी राशि के बदले में भाजपा के साथ गठजोड़ की तैयारी में हैं। आप अमरनाथ यात्रा के संपन्न होने का इंतजार करें। मैंने 2015 और 2016 में भी कहा था कि पीडीपी ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगी।

महबूबा मुफ्ती के कुछ खास विश्वस्त ही उनका साथ छोड़ने जा रहे हैं। यह लोग पार्टी के विधायकों की अलग बैठक बुलाकर महबूबा को विधायक दल नेता के पद से उतार अपना एक नया नेता बनाएंगे। इस दल को स्पीकर विधानसभा में अलग गुट के रूप में सदन में बैठने देंगे और यह लोग भाजपा के नेतृत्व में या किसी अन्य दल के नेता के नेतृत्व में बनने वाली सरकार का प्रत्यक्ष या परोक्ष हिस्सा बनेंगे।लोन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात से किया इन्कार :भाजपा के सहयोगी पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन और पूर्व समाज कल्याण मंत्री ने सज्जाद गनी लोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी हाल-फिलहाल में किसी बैठक से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार टूटने के बाद मैंने प्रधानमंत्री से कोई मुलाकात नहीं की है और न ही मैं किसी के साथ सरकार बनाने का प्रयास कर रहा हूं।

Related Articles

Back to top button