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महिलाओं के लिए मतदान करना ‘हराम’

इस महीने के अंत में पाकिस्तान में आम चुनाव है. चुनावी सरगर्मिया तेज हो चुकी है और इसी बीच मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के प्रत्याशी और पंजाब प्रांत के पूर्व मंत्री हारून सुल्तान ने एक विवादित बयान दिया है.उनका कहना है कि महिलाओं के लिए मतदान करना ‘हराम’ है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की महिला प्रत्याशी जेहरा बासित सुल्तान के खिलाफ नेशनल असेंबली की एनए 18 सीट से चुनाव लड़ रहे सुल्तान के इस बयान से बवाल मच गया है.

 

सुल्तान पंजाब में पीएमएल-एन सरकार में सामाजिक कल्याण मंत्री थे और अब अपनी ही भाभी जेहरा के खिलाफ चुनाव में खड़े है. अपने निर्वाचन क्षेत्र मुजफ्फरगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए सुल्तान ने कहा कि वे मजहब के निर्देशों का पालन करेंगे और किसी भी महिला उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे, क्योंकि इसे हराम (इस्लाम में मना) माना जाता है. 

उन्होंने कहा, ‘मैं अल्लाह और नबी के निर्देशों के तहत काम करूंगा और इसके विपरीत काम करने से बचूंगा.’ पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से नवाज इफ्तिखार खान को उतारा है. जानकारी के लिए बता दे की इसी मानसिकता के चलते पाकिस्तान में मतदान संवैधानिक अधिकार हने के बावजूद भी लाखों महिलाओं को मताधिकार का प्रयोग पुरुषो द्वारा नहीं करने दिया जाता हैं. 

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