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योगी आदित्यनाथ: यूपी में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और विकास तेज हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में काशी प्रांत के भाजपा नेताओं के साथ बैठक करने के बाद मीरजापुर पहुंचे। वह बाणसागर की परियोजना का लोकार्पण करेंगे।बाणसागर परियोजना का छह दशक से इंतजार हो रहा था। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

चंदईपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिशक्ति मां भगवती विंध्यवासिनी के इस पावन धाम पर मैं देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। विगत चार वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में हर तबके के विकास के जो नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं। उन सभी की अलग-अलग कड़ियां आज यहां मिर्जापुर में साथ जुड़ती दिख रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मिर्जापुर में आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कर कमलों द्वारा उत्तर प्रदेश की एक बड़ी सिंचाई परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करने और इस कमिश्नरी के पहले मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास का कार्य होने जा रहा है। विगत पिछली सरकारों ने जाति के नाम पर लोगों को तोड़ने का काम किया था। कांग्रेस, सपा और बसपा के एजेंडे में विकास नहीं, बीजेपी सरकार से पहले किसान बेहाल रहे। प्रदेश और देश आपस में जाति और संप्रदाय के आधार में विभाजित न हो बल्कि एक दूसरे को जोड़ने का कार्य सेतुओं के माध्यम से आज प्रारम्भ हो रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मार्च में यहां आकर देश के सबसे बड़े सोलर प्लांट का उद्घाटन किया था। अब वे एक बार फिर सौगातों के साथ आपके बीच हैं। यूपी की बड़ी सिंचाई परियोजना का लोकार्पण होगा और मेडिकल कालेज की सौगात मिलेगी। अन्य सरकारों ने देश को तोड़ने का काम किया वर्तमान केंद्र व राज्य सरकार पुलों और सड़कों से सभी को जोड़ रही है। दशकों से अटकी परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। सपा और बसपा की सरकार में विकास का एजेंडा था ही नहीं कभी। कांग्रेस की पूर्व सरकार ने कभी यूपी में स्वास्थ्य सुविधा का ख्याल नहीं किया, मोदी के नेतृत्व में 8 नए मेडिकल कालेज खुलने जा रहा है, एम्स और कैंसर संस्थान मिल रहा है। यूपी में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और विकास तेज हुआ। 

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बाणसागर की यह परियोजना कोई नई नहीं है। यह बहुत पहले पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन पहले की सरकारों में किसानों की भलाई करने की इच्छाशक्ति नहीं थी। किसानों की आकांक्षाओं को पूरा करने का काम आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने किया है।व​र्ष 1990 के बाद प्रदेश के अंदर चार बार समाजवादी पार्टी की और चार बार बहुजन समाज पार्टी की सरकार रही। लेकिन भाइयों—बहनों विकास इनके एजेंडे में नहीं था इसलिए बाण सागर परियोजना उपेक्षित पड़ी रही। यहां का किसान बदहाल होता रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मीरजापुर पहुंचे हैं। वहां पर केंद्रीय मंत्री तथा मीरजापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, आशुतोष टंडन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय, इलाहाबाद के सांसद श्यामाचरण गुप्त, भदोही के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, राबट्र्सगंज के सांसद छोटेलाल खरवार तथा विधायक रत्नाकर मिश्र, रमाशंकर सिंह पटेल, अनुराग सिंह, शुचिस्मिता मौर्य व राहुल प्रकाश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन हजार करोड़ से अधिक की भारी भरकम बजट वाली बहुप्रतिक्षित बाणसागर परियोजना का लोकार्पण करेंगे। बाणसागर परियोजना की परिकल्पना 1956 में केन्द्रीय जल विद्युत शक्ति आयोग ने देश में जल विद्युत की संभावना के सर्वेक्षण के दौरान की गई थी। देश के तीन राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली वर्षा की अनिश्चितता और उत्तर प्रदेश व बिहार राज्य के कुछ सर्वाधिक सूखा ग्रस्त क्षेत्रों को सिंचित करने के लिए इसे विद्युत परियोजना के साथ सिंचाई परियोजना के रूप में परिवर्तित कर क्रियान्वित किया गया।

परियोजना के निर्माण के लिए मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों ने शीर्ष कार्यो के निर्माण के लिए क्रमश: 2:1:1 के अनुपात में वित्तीय सहायता देना स्वीकार किया था। यह भी निश्चित हुआ था कि कार्य करने के लिए मध्यप्रदेश नोडल एजेंसी होगा। बाणसागर परियोजना के लिए वर्ष 1977 के मूल्य के आधार पर वर्ष 1978 में 322.30 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

बाणसागर परियोजना का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 14 मई 1978 को किया था। इस बड़ी परियोजना का कार्य दस वर्ष में पूर्ण किया जाना था परन्तु वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता एवं उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य के सहभागिता के अनुरूप अंशदान का भुगतान समय से न करने के कारण परियोजना के कार्य में शिथिलता आई। प्रदेश में मौजूदा सरकार ने विंध्य क्षेत्र की इस महत्वांकाक्षी अंतरराज्यीय परियोजना को पूरा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

बाणसागर परियोजना का मुख्य बांध स्थल मध्य प्रदेश के रींवा शहर से रीवा- शहडोल मार्ग में 55 किलोमीटर दूर शहडोल जिले के देवलोंद ग्राम के समीप है। मुख्य बांध की कुल लम्बाई 1020 मीटर है जिसमें से 671.72 मीटर का पक्का बांध है। बांध में जल निकासी के लिए 50 गुणे 60 फुट के रेडियल क्रेस्ट गेट लगाये हैं। यूपी में नहर परियोजना की लंबाई लगभग डेढ सौ किलोमीटर है। जिसमें बाणसागर से अदवा बैराज तक अदवा नदी से होकर पानी आएगा। अदवा बैराज से मेजा बांध लिंक नहर का कार्य पूर्ण हो चुका है। मेजा बांध से जरगो लिंक नहर का कार्य प्रगति पर है। जरगो से बिहार राज्य को जोडऩे का कार्य होना है। बाण सागर परियोजना से मध्यप्रदेश में 1.54 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 1.50 लाख हेक्टेयर तथा बिहार राज्य में 94 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। 

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