133 फीसद बढ़ी खादी की बिक्री, राजधानी में खुला प्रदेश का पहला मार्ट
गाधी की खादी सिर्फ कपड़ा ही नहीं विचारधारा है, जिसे आगे बढ़ाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग की पहल पर वर्ष 2004 से 2014 के बीच खादी के उत्पादों की बढ़ोतरी जो 6.6 थी, वह 2014 से 2018 के बीच बढ़कर 133 फीसद हो गई है। आम आदमी से लेकर खास आदमी की पहुंच वाली खादी अब विकास की ओर बढ़ रही है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना सोमवार (16 जुलाई)को खादी के विकास पर बोल रहे थे। वह लालबाग में खादी इंडिया के नाम से खुले प्रदेश के पहले खादी मार्ट के उद्घाटन पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उद्घाटन अवसर पर विधि एवं न्यायमंत्री ब्रजेश पाठक, प्रमुख सचिव खादी ग्रामोद्योग नवनीत सहगल के अलावा आयोग के सदस्य जय प्रकाश तोमर, राज्य निदेशक आरएस पाडेय व सहायक निदेशक एके मिश्र समेत आयोग के कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। डालीबाग में खुलेगा दूसरा खादी मार्ट:
खादी अपनाएं, पानी बचाएं :
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि खादी का एक मीटर कपड़ा बनाने में तीन लीटर पानी खर्च होता है जबकि एक मीटर मिल में कपड़ा बनाने में 56 लीटर पानी खर्च होता है। ऐसे में खादी अपना कर पानी को बचाया जा सकता है। मार्ट में ये होगा खास:
आयोग के राज्य निदेशक आरएस पाडेय ने बताया कि यह शोरूम मध्यम वर्गीय परिवार को ध्यान में रखकर बनाया गया है। डिजाइनर कुर्ती के साथ ही पैजामा और कुर्ता भी मिलेगा। साबुन और आयुर्वेदिक उत्पादों के अलावा घरों में प्रयोग होने वाले कई उत्पाद भी मिलेगा।