नौकरी के नाम पर बनाते थे शिकार, ठगी को अंजाम देते ही रफूचक्कर
राजधानी की इंदिरानगर पुलिस ने दो ऐसे जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जो प्रत्येक शहर में सौ से अधिक लोगों को ठगने का टारगेट बनाते थे। टारगेट पूरा करने के बाद जालसाज दूसरे शहर चले जाते थे। ठगी के बाद मोबाइल फोन बंद कर देते थे। जालसाज बंटी-बबली की तर्ज पर बेरोजगारों को फंसाते थे।
इंस्पेक्टर इंदिरानगर मुकुल प्रकाश वर्मा ने बताया कि पकड़े जालसाजों में हाथरस निवासी गौरव शर्मा और पारा निवासी अवनीश बाजपेई हैं। अभी गिरोह की महिला सदस्य समेत चार लोग पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। जिनके नाम पारूल, प्रमोद, कुशल और राज हैं। मऊ जिला निवासी आनंद मोहन ने शनिवार को पुलिस से शिकायत की कि कुछ लोगों ने प्राइवेट कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे हजारों रुपए वसूल लिए। आनंद मोहन की शिकायत पर इंदिरानगर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज की। छानबीन में पता चला कि जालसाजों ने इंदिरानगर में नौकरी दिलाने के नाम पर ‘ह्यूमन नीडस’ नाम की एक कंपनी खोल रखी है। जालसाज नौकरी का विज्ञापन देकर बेरोजगारों को जाल में फंसाते थे और उनसे मोटी रकम वसूलते थे।
नौकरी के नाम पर ठगी का आरोप: पारा के लक्ष्मण विहार स्थित एक कंपनी के कर्मचारियों पर कुछ लोगों ने नौकरी के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। रविवार (22 जुलाई)को युवाओं ने कंपनी के बाहर हंगामा किया। पुलिस कंपनी के दो कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। आरोप है कि निजी कंपनी ने एक दूसरी कंपनी में हेल्पर, सुपरवाईजर, स्टोर इंचार्ज, असिस्टेंट मैनेजर व फोरमैन पद पर भर्तिया निकाली थी। इसपर अमेठी मुसाफिर खाना रुदौली निवासी निलेश पाडेय, रायबरेली की रेशमा और सीतापुर निवासी साधना अवस्थी ने सुपरवाईजर व स्टोरकीपर पद के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि कंपनी ने उनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर रुपये भी ले लिए। रविवार (22 जुलाई)को पीड़ितों ने कर्मचारियों से रुपये की माग की, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया।