प्रदेशमध्य प्रदेश

तीन लाख महिलाओं का स्वावलंबी बनाने वाली साध्वी का मंगल प्रवेश

हम अपने पाप कर्मों से संसार की अदालत में तो बच जाएंगे लेकिन कर्मों की अदालत से नहीं बच सकते। कर्म फल से कोई नहीं बच सकता। हम जब पाप करते हैं, तो सोचते हैं कि कोई नहीं देख रहा लेकिन परमात्मा की नजरों में हमारे कर्म दर्ज हो जाते हैं। जहां हिंसा होती है, वहां धर्म नहीं हो सकता। हिंसा और धर्म एक साथ नहीं चल सकते। जवानी, रूप, धन और सत्ता के दुरुपयोग से ही पाप का जन्म होता है। क्षण भर के पाप कर्मों का फल लंबे समय तक झेलना पड़ता है।

यह बात तीन लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार देने और पहली बार संसद में व्याख्यान देने वाली साध्वी मयणाश्रीजी ने रविवार को कही। वे जैन श्वेतांबर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट और पार्श्वनाथ जैन श्रीसंघ के तत्वावधान में निकले मंगल प्रवेश जुलूस के बाद रेसकोर्स रोड स्थित आराधना भवन पर कही। उन्होंने कहा कि पाप से अधिक खतरनाक पाप की अनुमोदना है। चातुर्मास पापों के प्रक्षालन, जीवन की दशा और दिशा बदलने तथा अपने कर्म एवं व्यवहार में परिवर्तन लाने का स्वर्णिम अवसर है।

इससे पहले वल्लभ नगर से बैंड-बाजों सहित मंगल प्रवेश जुलूस निकला। इस दौरान चांदी के रथ में डोसी परिवार, इंद्र के रूप में नवरत्न परिवार और नवरत्न भक्ति मंडल के साथी उत्साह के साथ शामिल हुए। मंगल कलशधारी महिलाएं केशरिया, पीताम्बर एवं लाल वस्त्रों में मंगल गीत गाते हुए, साफे एवं दुपट्टे पहने श्वेत वस्त्रों में सज्जिात सधार्मिक पुरुषों के साथ जुलूस की शोभा बढ़ा रही थीं। इसमें महापौर मालिनी गौड़, विधायक महेन्द्र हार्डिया, पार्षद दीपक जैन टीनू, पंकज संघवी, चंदनमल चौरड़िया, डॉ. प्रकाश बांगानी, संयोजक दिलीप सी. जैन, महेन्द्र बांगानी आदि मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button