जम्मू कश्मीर

आतंकी की बेटी को नहीं दिया पासपोर्ट, कोर्ट ने एडीजी और पासपोर्ट अधिकारी को भेजा नोटिस

आतंकी की नाबालिग बेटी को पासपोर्ट न देने के मामले पर हाईकोर्ट ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी और पुलिस की सीआईडी विंग के एडीजी को अवमानना नोटिस जारी किया है। आइशा मुश्ताक नाम की लड़की ने 2013 में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। आइशा पाकिस्तानी में रह रहे आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर की बेटी है। मुश्ताक उन आतंकियों में शामिल हैं, जिनको कंधार विमान हाईजैक कांड के वक्त भारत सरकार ने छोड़ा था। उस मामले में आतंकी मौलाना मसूद अजहर और खालिद शेख मोहम्मद को भी छोड़ा गया था।

जस्टिस अली मोहम्मद मागरे ने गुरूवार को मामले से जुड़ी याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट का आदेश न मानने पर पासपोर्ट अधिकारी और एडीजीपी को यह नोटिस जारी हुआ है। इस पर कोर्ट में ताजा रिपोर्ट पेश की गई थी। अगली सुनवाई 5 सितम्बर को होगी। 

आदेश में कहा गया है कि एडीजीपी सीआईडी ने 29 दिसंबर 2017 को कोर्ट द्वारा पास किए गए आदेश की अवमानना की। जबकि पासपोर्ट अधिकारी ने भी अपना स्वतंत्र पक्ष न पेश करते हुए एडीजीपी के ओपिनियन पर भरोसा करते हुए पासपोर्ट नहीं दिया। जज ने महसूस किया कि दोनों अधिकारियों ने आतंकी के परिवार और रिश्तेदारों के आचरण को देखकर पासपोर्ट नहीं दिया। 

जबकि पासपोर्ट के लिए लड़की के व्यक्तिगत आचरण को आधार बनाकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन यह रिपोर्ट पेश नहीं की गई। कोर्ट ने माना कि दोनों अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश की अवमानना की है। यह भी आदेश दिया गया है कि अपीलकर्ता के केस को दोबारा देखा जाए। इसमें उसके पिता की पृष्ठभूमि को देखे बगैर काम हो। 

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