मंत्री बृजेश पाठक ने कहा- हाशिए पर नहीं रहेगा अनुसूचित समाज
लखनऊ। भाजपा सरकार अनुसूचित समाज की हितैषी है। उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। समाज के लोग अब हाशिए पर नहीं रहेंगे। यह कहना है विधि मंत्री बृजेश पाठक का। वह रविवार (27 मई)को विधानसभा मार्ग स्थित आबेडकर महासभा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मंत्री ने अनुसूचित जाति व जनजाति के उच्च पदस्थ लोगों से गरीब व शोषितों की मदद करने की भी अपील की। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि हाशिए का समाज हमारा घर है। अनुसूचितों के उत्पीड़न को रोकने के लिए जो कानून बना था, उसे कमजोर करने का काम मायावती ने किया था। भाजपा सरकार अनुसूचितों के उत्थान के लिए काम कर रही है। दीनदयाल स्वरोजगार योजना के तहत अनुसूचितों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। ‘संपन्न परिवार को नहीं लेना चाहिए आरक्षण का लाभ’
अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने कहा कि हमारे समाज के तमाम परिवार आर्थिक रूप से संपन्न हैं। ऐसे लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं लेना चाहिए। अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न निवारण एवं सशक्तिकरण केंद्र के राष्ट्रीय प्रभारी जयशकर सहाय ने भी विचार व्यक्त किया। इससे पहले अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल और अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल का अभिनंदन भी किया गया। केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसएन शखवार, क्वीन मेरी की प्रो. पुष्पलता, महामंत्री बीना मौर्या, डॉ. सत्या दोहरे, अमरनाथ प्रजापति, डॉ. कौलेश्वर प्रियदर्शी, डॉ. आरपी दोहरे, रामेश्वर दयाल आदि मौजूद रहे।
‘संपन्न परिवार को नहीं लेना चाहिए आरक्षण का लाभ’
अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने कहा कि हमारे समाज के तमाम परिवार आर्थिक रूप से संपन्न हैं। ऐसे लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं लेना चाहिए। अनुसूचित जाति जनजाति उत्पीड़न निवारण एवं सशक्तिकरण केंद्र के राष्ट्रीय प्रभारी जयशकर सहाय ने भी विचार व्यक्त किया। इससे पहले अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल और अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल का अभिनंदन भी किया गया। केजीएमयू के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसएन शखवार, क्वीन मेरी की प्रो. पुष्पलता, महामंत्री बीना मौर्या, डॉ. सत्या दोहरे, अमरनाथ प्रजापति, डॉ. कौलेश्वर प्रियदर्शी, डॉ. आरपी दोहरे, रामेश्वर दयाल आदि मौजूद रहे।