उत्तराखंड में मौसम का रेड अलर्ट जारी, सात जिलों में बहुत भारी बारिश की चेतावनी
मौसम को लेकर मौसम विभाग ने उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। आने वाले दो दिन प्रदेश पर भारी पड़ सकते हैं। विभाग के अनुसार इस दौरान पर्वतीय इलाकों में बादल फटने की घटनाएं होने की भी आशंका है। तीर्थयात्री फिलहाल को पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा टाल दें। अलर्ट को देखते हुए शासन ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी महकमों को सजग रहने को कहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही पुलिस और प्रशासन को भी सतर्क किया गया है। हरिद्वार में बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में बढ़त का सिलसिला जारी है। आज सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर 292.40 था, जो आठ बजे 292.45 मीटर हो गया। हालांकि यह चेतावनी लेवल 293 मीटर से 55 सेंटीमीटर नीचे है। जबकि खतरे का निशान 294 मीटर है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतुरा ने बताया कि भारी बारिश की चेतावनी के कारण तहसीलों और बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। उधमसिंह नगर जिले के बाजपुर में बारिश के कारण रेलवे पटरी पानी में डूब गईं।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि मौसम के लिहाज से रविवार और सोमवार बेहद संवेदनशील हैं। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चमोली, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत और नैनीताल में विशेष सावधानी की जरूरत है। इस बीच हरिद्वार और देहरादून में तेज बौछारों का दौर शुरू हो गया है।
पहाड़ों की लाइफलाइन माने जानी वाली सड़कों पर मौसम का कहर जारी है। चार धाम मार्गों पर मलबा आने से यातायात में बाधा पड़ रही है तो प्रदेश में 70 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवाजाही बाधित है। गंगोत्री हाईवे पर मुश्किलों का दौर थम नहीं पा रहा है। गुरुवार की रात जबरदस्त भूस्खलन के बाद हाईवे पर फंसे 700 कांवड़ यात्रियों को वहां से सुरक्षित निकाला गया। वहीं शुक्रवार रात 12 बजे मलबा आने से टिहरी जिले में हाईवे बंद हो गया। करीब आठ घंटे की मशक्कत के बाद मार्ग पर आवाजाही बहाल हो सकी। लगातार बारिश के कारण प्रदेश में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। बरसाती नदियों के उफान के कारण लोग सहमे हुए हैं। गंगा, यमुना, सरयू, गोरी और काली नदी भले ही खतरे के निशान से दूर हों, लेकिन जलस्तर बढऩे से आसपास के इलाकों में लोग भयभीत हैं। ऋषिकेश के निकट स्थानीय सौंग नदी एक बार फिर उफान पर है। शनिवार को इस नदी का पानी भानियावाला कस्बे में घुस गया।
आकाशीय बिजली से एक की मौत
हरिद्वार से सटे श्यामपुर क्षेत्र में आसमानी बिजली गिरने से एक वन गुर्जर की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार देर शाम पीली पड़ाव निवासी इरफान अपने मवेशियों के साथ जंगल से लौट रहा था कि इसी दौरान तेज बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए इरफान पेड़ के नीचे बैठ गया, तभी आकाशीय बिजली गिर गई और वह गंभीर रूप से झुलस गया। साथ के दूसरे वन गुर्जरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
ऋषिकेश बद्रीनाथ मार्ग अवरुद्ध
ऋषिकेश बद्रीनाथ मार्ग पर शिवपुरी के समीप रविवार की सुबह मलवा आने से मार्ग फिर अवरुद्ध हो गया है। नेशनल हाईवे और प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद हैं। शनिवार की तड़के भी यहां मलवा आने से 8 घंटे तक बद्रीनाथ हाईवे अवरुद्ध हुआ था। उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर लक्ष्मी राज चौहान के मुताबिक जहां मलवा आया है वहां बारिश के कारण पहाड़ी दरक रही है। शनिवार की रात मलवा हटाकर रास्ता सामान्य कर दिया गया था। मगर अब फिर मार्ग अवरुद्ध हो गया है। नगर क्षेत्र में रविवार की तड़के से ही हल्की बारिश हो रही है।
पिथौरागढ़ और नैनीताल में कई मार्ग बंद
पिथौरागढ़। जिले भर में बीती रात्रि से लगातार वर्षा जारी। थल मुनस्यारी मार्ग रातीगाड और बनिक के पास बन्द। नाचनी में शिवालय के निकट भूस्खलन होने से चार मकान खतरे में आए। पिथौरागढ़ टनकपुर तवाघाट हाईवे में पिथौरागढ़ और धारचूला के मध्य ख़िरचना के पास चट्टान खिसकने से मार्ग बंद। उधर, नैनीताल में बीती रात हुई बारिश से बेतालघाट गर्जिया मार्ग समेत आधा दर्जन सड़कों पर मलबा आ गया है। जिससे वाहनों का आवागमन ठप पड़ा है। जबकि जिला मुख्यालय में कोहरे के बीच रिमझिम बारिश जारी है।