विधानसभा चुनाव एक साथ अभी संभव नहीं है: CM नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा देश में एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव कराना संभव नहीं है। वैचारिक रूप से तो दोनों चुनाव एक साथ होने चाहिए लेकिन फिलहाल ये संभव नहीं है। वैचारिक तत्काल स्थिति को देखते हुए लोकसभा और विधान सभा चुनाव एक साथ नहीं कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम विकास की बात नहीं करते, न्याय के साथ विकास की बात करते हैं। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि चंद कारखाने लगाने और बड़े लोगों को लाभ देने से ही विकास नहीं होता। लोगों को भड़काना और उल्टा-पुल्टा समझाना कुछ लोगों की आदत है। हमें इन सब से कोई लेना देना नहीं है।
मुख्यमंत्री ने आज पटना के अधिवेशन भवन में अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान की भूमि रहा बिहार आज शिक्षा में पिछड़ गया है और शिक्षा में बिहार को फिर से आगे बढ़ाना है। कुछ लोग सौहार्द्र बिगाड़ने में लगे हैं, लोग इससे सचेत रहें। सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल गलत चीजों के लिये ना हो, लोगों को एेसा ध्यान रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी कल्याण विभाग के पुराने और जर्जर भवन का पुनर्निर्माण किया गया है। छात्रों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं दी गई हैं। लेकिन फिर भी लगा कि इन छात्रों को कुछ और मिलना चाहिए। छात्र-छात्राओं को और मदद करनी चाहिए तो हमने इस योजना की आज शुरुआत की है।
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार से हमने इन छात्र-छात्राओं को बीपीएल दर पर अनाज देने की बात की और उसके बाद हमने फैसला लिया कि छात्रों को 1000 अनुदान राशि भी देंगे। हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है। हाशिये पर रह रहे सभी तबके के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ना है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले भी एससी-एसटी छात्रों के लिए छात्रावास बनाया गया था। छात्रावास में बाथरूम नहीं था। लोग दावा करते हैं कि हमने एससी-एसटी और ओबीसी के लिए बहुत काम किया। लेकिन सिर्फ कह देने से नहीं होता है करना पड़ता है।