आतंकवाद की आड़ में कश्मीर में गाडि़यों के साथ घोड़ों पर हरा सोना
आतंकवाद की आड़ में कश्मीर के वनों में लकड़ी की तस्करी की जा रही है। तस्कर लकड़ी यानी हरे सोने की तस्करी के लिए गाडि़यों के साथ-साथ घोड़ों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। वन विभाग ने तस्करी रोकने के लिए अब रात को भी तस्करों पर नकेल कसने के लिए अभियान शुरू किया है।
श्रीनगर सहित कई जिलों में फॉरेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स और वन विभाग के अधिकारियों ने कई तस्करों को हिरासत में लिया है।तस्कर लकड़ी की तस्करी के लिए ट्रकों, छोटे वाहनों के अलावा घोड़ों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। वे इन पर लकड़ी लाद कर वन विभाग के अधिकारियों से बचा कर ले जाते हैं। श्रीनगर की सध फॉरेस्ट रेज में रात के समय अधिकारियों ने अभियान चलाया। नाजवां के पास लगाए एक नाके में फॉरेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स की टीम ने सोमवार की रात को नाका लगाया और मारुति कार को रोका।
कार का ड्राइवर मौके पर भाग गया। कार में देवदार की लकड़ी भरी हुई थी। इसी तरह जेवी डिवीजन की डोवाग रेंज में वन विभाग के फील्ड स्टाफ और फॉरेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स के कर्मचारियों ने नाका के दौरान दो घोड़ों को पकड़ा। इनमें देवदार के बारह स्लीपर लदे थे। वन विभाग ने सभी को कब्जे में ले लिया। दक्षिण कश्मीर के शोपियां डिवीजन के सांगरवनी में रोमशी रेंज के रेंज आफिसर ने घोड़ों को पकड़ा। हालांकि तस्कर अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गए।
इसी तरह कश्मीर के अन्य भागों में कई दिनों से यह अभियान वन विभाग ने चलाया हुआ है। तस्करी रोकने के लिए रात को जंगलों में पहरेदारी और छापेमारी भी हो रही है।
विभाग की कश्मीर के कांडी, रफियाबाद, किचवाड़ी, पीरपंचाल, कुठार के जंगलों पर पैनी नजर है। बडगाम की रेठान रेंज में रेंज आफिसर ने अन्य कर्मचारियों के साथ जंगल में छापे मारे और तस्करों को हिरासत में लिया। उनके पास से लकड़ी जब्त की गई।
श्रीनगर के कंजरवेटर इरफान अली शाह ने कहा कि जंगलों में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि नहीं होने दी जाएगी। सभी अधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है और रात के समय सतर्कता बढ़ाई गई है। वन विभाग ने कश्मीर में हाल ही में एक तस्कर को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिया था।