जनसैलाब के बीच 1 बजे अंतिम सफर पर निकलेंगे अटल, समाधि के लिए मिली 1.5 एकड़ जमीन
नई दिल्ली । देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शुक्रवार शाम 4 बजे नई दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल (विजय घाट, राज घाट) के पास अंतिम संस्कार किया जाएगा। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, उनकी अंतिम यात्रा दोपहर एक बजे भाजपा मुख्यालय से शुरू होगी। अंतिम यात्रा पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, दिल्ली गेट, नेताजी सुभाष मार्ग, निषाद राज मार्ग और शांति वन चौ से गुजरते हुए राष्ट्रीय स्मृति स्थल पहुंचेगी।
एडवाइजरी के मुताबिक, कृष्णा मेमन मार्ग, सुनहरी बाग रोड, तुगलक रोड, अकबर रोड, तीस जनवरी मार्ग, क्लेरिज होटल से विंडसर प्लाजा के बीच जनपथ, मानसिंह रोड, शाहजहां रोड से तिलक मार्ग सी-हैक्सागन, आईपी मार्ग, डीडीयू मार्ग के रास्ते सुबह आठ बजे से बंद हैं।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी मधुर वर्मा ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा के दौरान सुरक्षा के साथ यायायात की व्यवस्था की गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि अंतिम यात्रा में शामिल होने वालों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो। इसी के साथ डीसीपी ने यह भी कहा कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मुताबिक, शुक्रवार सुबह नौ बजे अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय पर लाया जाएगा और एक बजे अंतिम यात्रा शुरू होगी। शाम चार बजे स्मृति स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इसके लिए डेढ़ एकड़ जमीन मुहैया कराई है।
आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता
बृहस्पतिवार शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, किरन रीजिजू, पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा और संघ प्रचारक कृष्ण गोपाल ने श्रद्धांजलि अर्पित की। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव और असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, श्रद्धांजलि देने की कड़ी में यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
यहां पर बता दें कि 11 जून से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान (AIIMS) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त को शाम 5:05 बजे निधन हो गया। अटल बिहारी वाजपेयी खराब स्वास्थ्य की वजह से करीब पिछले दो महीने से यहां पर भर्ती थे।
एम्स के मुताबिक, बुधवार सुबह वाजपेयी को सांस लेने में तकलीफ हुई थी। इसके बाद उन्हें जरूरी दवाइयां दी गई थीं, लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया। भाजपा के संस्थापकों में शामिल वाजपेयी 3 बार देश के प्रधानमंत्री रहे। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
काफी समय से बीमार अटल बिहारी वाजपेयी करीब 15 साल पहले राजनीति से संन्यास ले चुके थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने लाल कृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर भाजपा की स्थापना की थी और उसे सत्ता के शिखर पहुंचाया। भारतीय राजनीति में अटल-आडवाणी की जोड़ी सुपरहिट साबित हुई। अटल बिहारी देश के उन चुनिन्दा राजनेताओं में से एक थे, जिन्हें दूरदर्शी माना जाता था। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में ऐसे कई फैसले लिए जिसने देश और उनके खुद के राजनीतिक छवि को काफी मजबूती दी।