देश
उम्रकैद से माफी पाए कैदियों के नाम सार्वजनिक करे सरकार
विभिन्न मामलों में सन 2000 के बाद उम्रकैद की सजा से माफी पाने वाले कैदियों के बारे में सरकार सूचनाएं सार्वजनिक करें। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने यह आदेश पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारीवलन की याचिका पर दिया है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सीआईसी सरकार को निर्देशित करने की वाली सर्वोच्च संस्था है।
सीआईसी ने कहा कि जनता को जानने का हक है कि किसी मामले में सजा पाए व्यक्ति को किस आधार पर माफी दी गई। पेरारीवलन की याचिका पर सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त यशोवर्द्धन आजाद ने यह निर्देश गृह मंत्रालय के जनसूचना आयुक्त को दिया। इस निर्देश के अनुसार सन दो हजार के बाद माफी पाए लोगों के बारे में गृह मंत्रालय अपनी वेबसाइट पर सूचनाएं डालेगा।
सूचना के अधिकार के तहत दी अर्जी में पेरारीवलन ने जानना चाहा था कि क्या दोषियों की माफी को लेकर कोई आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। इस बारे में पूछे गए सवालों के जवाब गृह मंत्रालय से पेरारीवलन को न मिलने पर उसने सीआईसी का दरवाजा खटखटाया। तब सीआईसी ने उसके मामले की सुनवाई की। सुनवाई में गृह मंत्रालय ने बताया कि सन 2010 से 2015 के बीच राष्ट्रपति ने मृत्यु दंड के 20 मामलों को उम्रकैद में बदला।
बाकी मामलों में स्पष्ट जानकारी इसलिए नहीं दी जा सकती क्योंकि उनकी अदालत में सुनवाई चल रही है। सूचना आयुक्त ने सरकार के इस जवाब को अपर्याप्त माना और गृह मंत्रालय को सूचनाएं सार्वजनिक करने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि पेरारीवलन की सजा से माफी की अर्जी को सरकार ने अस्वीकार कर दिया था। इसी के बाद उसने बाकी लोगों को मिली माफी पर सवाल उठाया।