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UPSC पास किए बिना अफसर, छह हजार लोगों ने किया आवेदन

देश में सरकारी नौकरियों के लिए भारी ललक कायम है भले ही ये नौकरियां महज पांच साल के लिए हों। केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव के दस पदों के लिए आए 6,077 आवेदन पत्र इसका उदाहरण हैं। मोदी सरकार ने भर्ती की नियमित प्रक्रिया से परे जाकर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ कर्मियों को सरकारी सेवा के लिए सीधे भर्ती करने का फैसला किया है। ये आवेदन इसी भर्ती के लिए आए हैं।

नियुक्ति मंत्रालय इन भर्तियों के लिए प्रक्रिया चला रहा है। मंत्रालय की ओर से पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार ये भर्तियां राजस्व, वित्तीय सेवाओं, आर्थिक मामलों, कृषि और कृषक कल्याण, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, पर्यावरण, वन और पर्यावरण बदलाव, वैकल्पिक ऊर्जा आदि के लिए की जाएंगी। इन अस्थायी पदों के लिए आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई थी। जो अर्जी आई हैं उनमें से एक विभाग के संयुक्त सचिव पद के लिए सर्वाधिक 1,100 आवेदक हैं जबकि एक अन्य विभाग के इसी पद के लिए न्यूनतम 290 अर्जी आई हैं। नियुक्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार विभाग जल्द ही इन अर्जियों से योग्य आवेदकों के नाम छांट लेगा।
केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव स्तर पर कार्य करने वाले ज्यादातर अधिकारी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस स्तर के होते हैं जिनकी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के जरिये होती है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया इसी तरह की भर्ती के जरिये सरकारी सेवाओं में आए थे। उन्होंने रिजर्व बैंक और योजना आयोग में योगदान किया था। इस तरह की भर्ती पर विपक्ष की आपत्तियों पर नियुक्ति मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह संसद में सफाई दे चुके हैं।

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