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सिंगापुर सम्‍मेलन के अनछुए पहलू, जानिए- किम से मुलाकात के लिए क्‍यों बे-करार थे ट्रंप

उत्तर कोरिया से बेहतर संबंधों की दुहाई देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख में अचानक बदलाव आया है। ट्रंप ने आखिरकार यह मान लिया कि सिंगापुर में शिखर सम्‍मेलन के बाद उत्तर कोरिया ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर अपर्याप्त प्रगति नहीं की है। इसका हवाला देते हुए ट्रंप ने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की उत्तर कोरिया की यात्रा पर रोक लगा दी है। इस घटना के बाद एक बार फ‍िर सिंगापुर में डोनाल्ड ट्रंप और उत्तरी कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच हुए ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के अस्तित्‍व पर सवाल खड़े हो गए हैं।

सिंगापुर में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात के बाद अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच एक दोस्‍ताना संबंधाें की उम्‍मीद जगी थी। हालांकि, उस वक्‍त भी यहां के राजनीतिज्ञ जानकार इस करार को संदेह की दृष्टि से देख रहे थे। ऐसे में यह सवाल पैदा होता है कि उत्तर कोरिया को लेकर ट्रंप की विदेश नीति में फ‍िर यह बदलाव क्‍यों अाया। इसके पीछे ट्रंप का असल में क्‍या मकसद थ्‍ाा।

अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव और उ कोरिया को उम्‍मीदें
ट्रंप प्रशासन ने उत्तर कोरिया को नियंत्रित करने के लिए व्‍यापार प्रतिबंध या युद्ध के बजाए कूटनीति पहल को अहमियत दी। इसी क्रम में ट्रप और जाेंग के बीच सिंगापुर के ऐतिहासिक शिखर सम्‍मेलन में मुलाकात हुई। इस शिखर सम्‍मेलन के बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में यह चर्चा जाेरों पर थी कि क्‍या सच में उत्तर कोरिया के रुख में बदलाव आएगा। अगर उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण की तरफ बढ़ जाता है तो पूरे इलाके में अमेरिका के लिए यह बड़ी जीत होती। यह ट्रंप की विदेश नीति की जीत होती।

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