यूपी में पेपर लीक करने वालों की खैर नहीं, लगेगा रासुका, सालभर तक नहीं मिल सकेगी बेल
उत्तर प्रदेश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक होने की एक के बाद एक घटनाओं से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अपराध में शामिल लोगों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने मंगलवार रात उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग एवं अन्य सेवा चयन आयोगों के अध्यक्षों एवं सचिवों की बैठक में प्रतियोगी परीक्षाओं में पर्चा लीक होने की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने अथवा दूषित करने वालों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि पेपर लीक में शामिल लोगों के विरूद्ध एनएसए लगाया जाएगा और भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित एजेंसियों द्वारा गड़बड़ी पर उन्हें ब्लैकलिस्ट करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थाओं के गड़बड़ी में शामिल होने पर उनकी मान्यता समाप्त कर सख्त कार्रवाई होगी.
मालूम हो कि हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक होने की घटनाएं चर्चा में रही हैं. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा संचालित ट्यूबवेल आपरेटरों की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से राज्य एक बार फिर सुर्खियों में है.
इससे पहले, 29 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से 51 लोगों को पकड़ा था. ये सभी सहायक शिक्षक की भर्ती परीक्षा के दौरान नकल कराने में मदद कर रहे थे. इसी तरह उत्तर प्रदेश पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में सॉल्वर के माध्यम से पर्चा हल करने वाले गिरोह के 19 लोग गिरफ्तार हुए थे. प्रदेश में पिछले एक दशक के दौरान मेडिकल, इंजीनियरिंग, बीएड और अन्य कुछ प्रतियोगी परीक्षाएं भी पेपर लीक होने की वजह से सुर्खियों में रह चुकी हैं.
परीक्षा प्रणाली को पूरी तरह भ्रष्टाचार रहित और पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए योगी ने कहा कि ऐसा फुलप्रूफ तंत्र बनाया जाना चाहिए कि भर्ती प्रक्रिया शीघ्रता से, सुचारु और पारदर्शी ढंग से सम्पन्न हो. भर्ती की प्रक्रिया बिना किसी भेदभाव के सम्पन्न की जानी चाहिए। किसी को भी प्रदेश के नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा.