जिला कारागार में जेलर कार्यालय के करीब 40 कैदियों को हटाया गया : लखनऊ

जिला कारागार में जेलर कार्यालय के राइटर अंकित मिश्रा द्वारा मोबाइल से अपराधियों की बात कराए जाने के मामले में डीजी जेल आनंद कुमार के आदेश जेल प्रशासन ने काफी सख्ती कर दी है। यहां जेलर कार्यालय, कैदियाने और हवालात में ड्यूटी कर रहे करीब 40 कैदियों को हटा दिया गया।
अब नए कैदियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके कारण जेल कार्यालय, न्यायालय और कैदियाने से संबंधित कागजी और लिखा पढ़ी के कार्य बाधित हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बंदियों की रिहाई आदि का ब्योरा और उनके कागज तैयार करने में दिक्कत हो रही है। जेल सूत्रों के मुताबिक जो कैदी हटाए गए हैं वह पांच से सात साल से लिखापढ़ी का काम कर रहे थे। वह एक्सपर्ट हो चुके थे। वहीं, नए बंदियों को काम समझने में दिक्कत हो रही है।
मोबाइल से अपराधियों की बात कराने के मामले में जेल में बंदियों के बयान अभी होने है। शनिवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के नारी बंदी निकेतन में कार्यक्रम के मद्देनजर डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी जिला कारागार नहीं जा सके थे। उन्होंने बताया कि जल्द ही मोबाइल के मामले में बंदियों और जिला कारागार के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
ध्यान रहे, दीवाली के आसपास जिला जेल में हत्या की सजा काट रहे बंदी अंकित मिश्रा के पास मोबाइल मिलने का मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में डाल दिया गया था। बीते शुक्रवार को दो अन्य बंदियों को भी हाई सिक्योरिटी बैरक में अलग-अलग डाल दिया गया था।
वहीं, डीआइजी जेल का कहना है कि बंदी के पास से चार्जर भी बरामद हुआ था। वह मोबाइल से जेल में बंद अपराधियों की बात कराता था। अधिकारियों का इस मामले में दावा था कि बंदी के पास चार्जर मिला था। मोबाइल नहीं मिला है। मोबाइल की तलाश की जा रही है। क्योंकि जब चार्जर मिला है तो मोबाइल उसके पास 100 फीसद रहा होगा।
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