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इलाहाबाद संग्रहालय में रखी जाएगी भगत सिंह की पिस्तौल, संस्कृति मंत्रालय को भेजा पत्र

शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की ऐतिहासिक पिस्तौल इलाहाबाद संग्रहालय की शोभा बढ़ाएगी। पंजाब के हुसैनीवाला बार्डर पर स्थित बीएसएफ म्यूजियम से पिस्तौल के हस्तांतरण के लिए संग्रहालय प्रशासन ने संस्कृति मंत्रालय को पत्र भेजा है। जल्द ही बीएसएफ हेड क्वार्टर के अफसरों के साथ इलाहाबाद संग्रहालय के अधिकारियों का दल हुसैनीवाला बार्डर भेजा जाएगा। इस पिस्तौल को 1857 से 1947 तक की जंगे आजादी के नायकों पर आधारित आजाद गैलरी में प्रदर्शित करने की योजना है। कुंभ से पहले आजादी के नायकों पर बनने वाली इस गैलरी पर 10 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बनने वाली इस आर्ट गैलरी में सरदार भगत सिंह की पिस्तौल प्रदर्शित करने के लिए संग्रहालय प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। संग्रहालय प्रशासन का मानना है कि भगत सिंह की पिस्तौल के बगैर यह अनूठी गैलरी अधूरी रहेगी। इसलिए गृह मंत्रालय के स्तर पर बातचीत कर इसके हस्तांतरण की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। भगत सिंह की ओर से इस्तेमाल की गई 32 बोर की कोल्ट सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल पंजाब के फिल्लौर पुलिस प्रशिक्षण एकेडमी से वर्ष 1968 में इंदौर स्थित बीएसएफ  के सेंट्रल स्कूल ऑफ  वेपन्स एंड टेक्निक्स के पास भेज दी गई थी। 

फिलहाल यह पिस्तौल पंजाब के हुसैनीवाला बार्डर पर स्थित बीएसएफ के संग्रहालय में मौजूद है। इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता केमुताबिक सरकार के स्तर पर इस पिस्तौल के हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। इसके लिए बीएसएफ हेडक्वार्टर से भी बात हो रही है। एक प्रतिनिधि मंडल हुसैनीवाला बार्डर पर भेजने की तैयारी है, ताकि आजाद गैलरी के लिए भगत सिंह की पिस्तौल का हस्तांतरण कराया जा सके।

सरदार भगत सिंह की पिस्तौल को इलाहाबाद म्यूजियम में प्रस्तावित आजाद गैलरी में लगाने की तैयारी है। इसके लिए संस्कृति मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। संस्कृति मंत्रालय और गृह मंत्रालय के बीच वार्ता के बाद सहमति बनाकर पिस्तौल इलाहाबाद लाई जाएगी, ताकि विश्व भर के पर्यटक यहां संग्रहालय में उस पिस्तौल को देख सकें। सुनील गुप्ता- निदेशक इलाहाबाद संग्रहालय।

भगत सिंह की पिस्तौल से जुड़ी खास बातें

– अमेरिका में बनी .32 बोर की कोल्ट सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल का इस्तेमाल करते थे सरदार भगत सिंह
– पिस्तौल का नंबर है- 168896
-1931 में लाहौर उच्च न्यायालय ने इस पिस्तौल को पंजाब के फिल्लौर पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में रखने का दिया था आदेश
-13 वर्ष बाद 1944 में फिल्लौर पुलिस प्रशिक्षण अकादमी लाई गई भगत सिंह की पिस्तौल
-1968 में मध्यप्रदेश के इंदौर में  बीएसएफ के सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपंस एंड टेक्निक्स को लाहौर से भेजे गए आठ हथियारों में शामिल थी यह पिस्तौल
– दस्तावेजों के आधार पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में इस पिस्तौल पर पंजाब का हक जताया गया था। इस याचिका पर सुनवाई के बाद फिर पंजाब के हवाले की गई भगत सिंह की पिस्तौल
-फिलहाल पंजाब के हुसैनीवाला बार्डर पर स्थित बीएसएफ के संग्रहालय में रखी गई है भगत सिंह की पिस्तौल

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