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राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति से रिटेल व रेस्टोरेंट सेक्टर पर संकट, रिटेल सेक्टर से 75 हजार करोड़ NPA होने की आशंका

नई दिल्ली, कोरोना की वजह से देश के कई बड़े राज्यों में लॉकडाउन जैसी स्थिति से रिटेल व रेस्टोरेंट सेक्टर का संकट गहराता जा रहा है। कई राज्यों में गैर-जरूरी चीजों की बिक्री पर पाबंदी से अकेले रिटेल सेक्टर से 75,000 करोड़ रुपये के कर्ज फंस जाने (एनपीए) की आशंका पैदा हो गई है। हालत यह है कि रिटेल सेक्टर से जुड़े 30 लाख लोगों की नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। लॉकडाउन वाले राज्यों के साथ कई अन्य राज्यों में रेस्टोरेंट से सिर्फ खाना पैक कराने की इजाजत हैं। ऐसे में रेस्टोरेंट सेक्टर ने अपने लगभग 40 फीसद स्टाफ को फिलहाल नौकरी से हटा दिया है।

रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (राई) ने तो कोरोना की दूसरी लहर के कारण रिटेल कारोबार के बुरी तरह से प्रभावित होने की जानकारी वित्त मंत्रालय को भी दी है। राई के मुताबिक रिटेल सेक्टर में 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश है और सरकार की तरफ से तत्काल राहत के कदम नहीं उठाए गए तो इसमें से 75,000 करोड़ रुपये एनपीए हो सकते हैं। इस कारण रिटेल से जुड़े अन्य सेक्टर भी प्रभावित होंगे।

राई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा कि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीके के प्रतिबंध की वजह से 80 फीसद रिटेल स्टोर बंद हैं। जहां खुले हैं वहां ग्राहकों का आना बंद है। रिटेल स्टोर का नकद प्रवाह बिल्कुल खत्म हो गया है जबकि निश्चित खर्च में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत एमएसएमई के साथ अब पर्यटन क्षेत्र के कारोबारी भी लोन ले सकते हैं। लेकिन रिटेल सेक्टर को यह सुविधा प्राप्त नहीं है।

गैर जरूरी चीजों की होम डिलिवरी पर पाबंदी से भी रिटेल सेक्टर होम डिलिवरी के माध्यम से भी कारोबार नहीं कर सकते हैं। नेशनल रेस्टोररेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के साथ रेस्टोरेंट अधिकतर जगहों पर रेस्टोरेंट से सिर्फ खाना पैक कराने की इजाजत रह गई है, लेकिन यह आम दिनों में उनके कुल कारोबार का मात्र 20 फीसद तक है।

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