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आइये आज जानते है कुछ विश्व स्तनपान सप्ताह के बारे में जानें। …..

विश्व स्तनपान सप्ताह हर साल 1 अगस्त से एक सप्ताह तक मनाया जाता है. विश्व स्तनपान सप्ताह मनाए जाने की शुरुआत स्तनपान को प्रोत्साहित करने और दुनिया भर में शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए इनोसेंटी डिक्लेरेशन से हुई ,

जिस पर अगस्त 1990 में सरकारी नीति निर्माताओं, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और अन्य संगठनों द्वारा स्तनपान की रक्षा, प्रचार और समर्थन करने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे. विश्व स्तनपान सप्ताह इसी लि

1991 में, ब्रेस्टफीडिंग को बचाने, समर्थन और बढ़ावा देने के लिए 1990 की घोषणा पर कार्य करने के लिए वर्ल्ड एलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन का गठन किया गया था. इस कार्य योजना के हिस्से के रूप में, WABA प्रचार के लिए वैश्विक एकीकृत स्तनपान रणनीति की अवधारणा पेश करता है.

और बाद में इसे एक दिन मनाने का विचार एक सप्ताह में बदल गया. विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में जाना जाने लगा, जो 1-7 अगस्त तक मनाया जाता है. 1992 में पहला विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया. अब, यह 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है.

वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2021 की थीम है- ‘स्तनपान की सुरक्षा: एक सहभागितापूर्ण जिम्मेदारी’ दरअसल, इस थीम के पीछे यह उद्देश्य है कि लोगों को ब्रेस्टफीडिंग के फायदे बताए जाएं और इसके महत्व को संजय जाए.

शिशु को वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माओं के ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडी होते हैं जो बच्चे को वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं. वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग से शिशुओं में अस्थमा या एलर्जी का खतरा भी कम होता है.

इसके अलावा, जिन शिशुओं को पहले छह महीनों तक बिना किसी फॉर्मूले के विशेष रूप से ब्रेस्टफीडिंग कराई जाती है, उनमें कान में संक्रमण, श्वसन संबंधी बीमारियां और दस्त के लक्षण कम होते हैं. 6 महीने की उम्र तक विशेष रूप से नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, स्तनपान न केवल बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह माताओं के स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के विकास के जोखिम को भी कम करता है. इसके अलावा, यह अनुमान लगाया गया है कि ब्रेस्टफीडिंग से हर साल ब्रेस्ट कैंसर के कारण 20,000 मातृ मृत्यु को रोका जा सकता है.

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