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दशहरा पर बढ़ा देश की राजधानी दिल्ली में वायू प्रदूषण एयर क्वालिटी इंडेक्स 345 पहुंचा

15 अक्टूबर को पूरे देश ने दशहरा का त्यौहार मनाया. इसके केवल 24 घंटे के भीतर ही दिल्ली की आबो-हवा खराब होती नजर आ रही है. हवा की गुणवत्ता मांपने वाले मीटर के अनुसार, दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक आनंद विहार का AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 345 पहुंच गया है जो कि ‘खतरनाक’ श्रेणी में आता है.

एक दिन पहले आनंद विहार ‘संतोषजनक’ की श्रेणी में था. साफ हवा की गुणवत्ता शून्य से 50 के भीतर होती है. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि मौजूदा हालात कितने खतरनाक होने जा रहे हैं. हर साल दिल्ली के आनंद विहार में प्रदूषण का ये स्तर देखने को मिलता है, दिवाली करीब आते-आते यहां का AQI एक हजार तक पहुंच जाता है.

न सिर्फ आनंद विहार बल्कि दिल्ली के और भी कई इलाके खतरनाक कैटेगरी में पहुंच गए हैं. AQI मीटर के अनुसार शाहदरा 311, पटपड़गंज 333 और गाजियाबाद का लोनी 370 मीटर तक पहुंच गया है.

दिल्ली में इस साल प्रदूषण के मद्देनजर और लोगों को एक जगह इकट्ठा होने से रोकने के लिए रावण के पुतले को विशाल आकार देने की मनाही रही है. दिल्ली में 20-50 फीट से ज्यादा लंबे रावण के पुतले नहीं बनाए गए.

साथ ही ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल रावण के पुतलों में किया गया लेकिन बावजूद इसके हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है. आनंद विहार का AQI सूर्य निकलने के बाद और ज्यादा खराब होता दर्ज किया गया. जहां आज सुबह 5 बजे तक AQI 345 था वो केवल एक घंटे में 6 बजे तक 382 पहुंच गया है.

11 अक्टूबर तक आनंद विहार का AQI 175 यानि ‘बीमार’ की श्रेणी में था लेकिन केवल पांच दिनों में ये दो गुना हो चुका है और आगे आने वाले दिनों में और ज्यादा गंभीर होने का अनुमान है. आनंद विहार पर बने उत्तर प्रदेश परिवार बस डिपो में खड़ी बसें लगातार डीजल का धुआं फेंकती हैं.

आसपास मौजूद गंदगी का असर हवा की गुणवत्ता पर पड़ता है. जरूरत है कि सरकार द्वारा पानी का छिड़काव नियमित रूप से किया जाए जिससे दिल्ली को गैस चैंबर बनने से बचाया जा सके.

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