LIVE TVMain Slideदेशमध्य प्रदेश

देश का पहला साउंड प्रूफ हाईवे बना मध्य प्रदेश में देखे तस्वीरें

29 किमी की ये सड़क नेशनल हाईवे-44 का हिस्सा है. इसे जब बनाया जा रहा था, तब सभी विभागों को वन्यप्राणियों की चिंता सता रही थी. ऐसे में वन विभाग, एनटीसीए, डब्ल्यूआईआई और पेंच टाइगर रिजर्व ने पूरी जांच के बाद वन्यप्राणियों

के आने-जाने के लिए एनिमल अंडर पास बनाने का सुझाव NHAI को दिया था. इसलिए वन्यक्षेत्र की 21.69 किलोमीटर एलिवेटेड फोरलेन सड़क एवं अंडरपास के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्यूजर लगाकर लगभग 4 मीटर स्टील की ऊंची दीवार तैयार की गई है.

इस दीवार का फायदा ये हुआ कि इसकी वजह से भारी वाहनों की हेडलाइट की तेज रोशनी और शोरगुल जंगल तक नहीं पहुंचते. लाइट के साथ-साथ ट्रैफिक का भी वन्यजीवों पर कोई असर नहीं होता.

जानवरों के साथ-साथ यहां किसी भी तरह की घटना से निपटने के लिए संभावित जगहों पर CCTV लगाए गए हैं.जानकारी के मुताबिक, वन्यप्राणियों की सुरक्षा के मद्देनजर मोहगांव से खवासा के बीच NH-44 के 29 किमी हिस्से का निर्माण नहीं हो पा रहा था.

ये मामला 10 साल से अटका हुआ था. सरकार ने पुरानी सड़क को फोरलेन में बदलने की योजना बनाई. इस तरह किसी टाइगर रिजर्व के बीच से गुजरने वाले देश के पहले साउंड एवं लाइट प्रूफ नेशनल हाईवे की नींव रखी गई.

इस प्रोजेक्ट की लागत 950 करोड़ रुपये है. इसे हाइटेक बनाया गया. जानवरों के लिए 14 एनिमल अंडर पास बनाए गए. इन्हें नेशनल हाईवे के 3.5 किलोमीटर हिस्से में बनाया गया.

यहां पानी निकासी के लिए 58 कलवर्ट (पुलिया) में से 18 एनिमल क्रॉसिंग कलवर्ट बनाए गए हैं. अब जंगली जानवर ऊपर से न जाकर नीचे से सड़क पार कर रहे हैं.

Related Articles

Back to top button