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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए

नव चयनित प्राविधिक सहायकों (ग्रुप-सी) को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में ईमानदार, निष्पक्ष और पारदर्शी कार्य संस्कृति स्थापित की है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश तेजी से प्रगति कर आगे आया है। राज्य में स्वच्छ, शुचितापूर्ण, पारदर्शी एवं निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से विगत साढ़े चार वर्षों में साढ़े चार लाख नौजवानों की नियुक्तियां रिक्त पदों के सापेक्ष सम्पन्न करायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से चयनित युवा प्रदेश के विकास में भरपूर योगदान कर रहे हैं। साढ़े चार वर्ष पूर्व प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश मेें छठे स्थान पर थी, जो वर्तमान में देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गयी है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में कृषि विभाग के नव चयनित प्राविधिक सहायकों (ग्रुप-सी) को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने 06 नव चयनित प्राविधिक सहायकों (ग्रुप-सी) को अपने कर कमलों से नियुक्ति पत्र प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आज यहां इस कार्यक्रम में नव चयनित प्राविधिक सहायकों (ग्रुप-सी) को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के साथ ही सभी जनपदों में भी नवचयनित प्राविधिक सहायकों (ग्रुप-सी) को नियुक्ति पत्र प्रदान किये जा रहे हैं। कृषि विभाग में कुल 1863 प्राविधिक सहायकों (ग्रुप-सी) का चयन किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में चार वर्ष पूर्व के प्रदेश चौदहवें स्थान से आगे बढ़कर राज्य वर्तमान में दूसरे स्थान पर आ गया है। बेहतर ‘ईज ऑफ लिविंग’ के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा लागू की गयी योजनाओं मंे से 44 में प्रदेश वर्तमान में देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा व परिश्रम के बेहतर प्रयोग से उत्तम परिणाम प्राप्त होते हैं, जिससे सभी लाभान्वित होते हैं। पिछले साढ़े चार वर्षों के सामूहिक एवं समन्वित प्रयास का प्रतिफल अब सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार कृषि प्राविधिक सहायकों का चयन ईमानदारी, निष्पक्षता एवं पारदर्शिता से सम्पन्न कराया है, उसी प्रकार नव चयनित प्राविधिक सहायक पूरी ईमानदारी एवं परिश्रम से अपने ज्ञान एवं प्रतिभा का लाभ किसानों को उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सभी प्रकार के संसाधनों से भरपूर है। यहां देश की सर्वाधिक आबादी, उर्वरा भूमि, पर्याप्त जल संसाधन हैं। तकनीक का व्यापक प्रयोग करते हुए इन संसाधनों का बेहतर उपयोग करके प्रदेश पूरी दुनिया के लिये पर्याप्त खाद्यान्न पैदा कर सकता है। वर्तमान राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में 20 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित किये हैं। वर्तमान में राज्य में 04 कृषि विश्वविद्यालय तथा 88 कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों की तकनीकी सहायता के लिए उपलब्ध हैं। इन संस्थानों में हुए शोध का व्यापक प्रचार-प्रसार कर किसानों को तकनीकी रूप से पर्याप्त सक्षम बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आप सभी प्राविधिक सहायकों के पास कृषि की व्यावहारिक तथा सैद्धान्तिक जानकारी है। कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा कृषि विश्वविद्यालयों से ताल-मेल कर आप किसानों से जुड़ेंगे तो कृषि उत्पादन एवं किसानों की आय बढ़ेगी। कृषि को पशुपालन तथा औद्यानिक फसलों से जोड़ने से भी किसानों की आय में तेजी से वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश खाद्यान्न, फल, दुग्ध, मत्स्य उत्पादन सहित विभिन्न क्षेत्रों में देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश सरकार ने वर्षांे से लम्बित कृषि सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूर्ण कराया है। वर्ष 1973 में प्रारम्भ हुई बाण सागर सिंचाई परियोजना को वर्तमान सरकार ने पूर्ण कराकर वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री जी से लोकार्पित कराया। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 09 जनपदांे को जोड़ने वाली सरयू नहर परियोजना को 15 नवम्बर, 2021 को पूर्ण करा लिया जाएगा। अर्जुन सहायक सहित एक दर्जन से अधिक सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूर्ण कराया जा रहा है। इससे वर्तमान सरकार द्वारा अपना 05 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने तक 25 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के किसानों को समय पर बीज, सिंचाई हेतु पानी, समय पर उर्वरक तथा उत्पादों के विपणन के लिए मार्केट उपलब्ध करा दिया जाए तो शीघ्र ही उनकी आय दोगुनी हो जाएगी। पूर्व में प्रदेश में कृषि उत्पादों के प्रोक्योरमेन्ट की उचित व्यवस्था नहीं थी। वर्तमान सरकार ने विभिन्न राज्यों में कृषि उत्पादों के प्रोक्योरमेन्ट की व्यवस्था का अध्ययन कर प्रदेश मंे किसानों से उनके उत्पादों के प्रोक्योरमेन्ट की प्रभावी एवं उन्नत व्यवस्था बनायी। प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना काल में भी सभी चीनी मिलों को संचालित कराया गया। किसानों को 01 लाख 45 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है। प्रदेश सरकार के शुगर केन से एथनॉल बनाने के प्रस्ताव पर भारत सरकार ने सहमति दी है। इससे गन्ना किसानों की आय में वृद्धि होगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए अनवरत कार्य कर रहे हैं। कृषि और किसान प्रारम्भ से ही वर्तमान प्रदेश सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में सम्मिलित रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों तथा किसानों के परिश्रम से प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में देश के कई प्रमुख पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही वर्ष 2018-19 से राज्य खाद्यान्न उत्पादन में देश में अग्रणी है। किसानों से उनकी कृषि उपजों के क्रय में भी प्रदेश ने रिकॉर्ड स्थापित किये हैं। जहां पहले दो फसलों की खरीद होती थी, वर्तमान सरकार द्वारा 07-07 फसलों की खरीद की गयी।
अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित प्राविधिक सहायकों को मुख्यमंत्री जी द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है। यह प्रदेश सरकार की निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया तथा राज्य सरकार द्वारा कृषि को दिए जा रहे महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कुल 1863 प्राविधिक सहायकों (ग्रुप-सी) का चयन किया गया है। इसमंे से 375 महिलाएं तथा 62 दिव्यांग हैं। चयनित कृषि सहायकों की पदास्थापना एन0आई0सी0 के माध्यम से काउंसिलिंग द्वारा सभी जनपदों में समानुपातिक ढंग से की गयी है। आकांक्षी जनपदों में अधिक नियुक्तियां की गयी हैं। उन्होंने कहा कि प्राविधिक सहायकों के अवशेष रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। आगामी तीन-चार महीनों में अवशेष रिक्त पद भी भर लिए जाएंगे।
कार्यक्रम के अन्त में कृषि राज्यमंत्री श्री लाखन सिंह राजपूत ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कृषि विभाग को प्राप्त मानव संसाधन से विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को गति मिलेगी। इससे किसानों को लाभ प्राप्त होगा।
कार्यक्रम में 05 नव चयनित प्राविधिक सहायकों (ग्रुप-सी) ने भी अपने विचार व्यक्त किये। नव चयनित प्राविधिक सहायकों ने प्रदेश सरकार द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से चयन की कार्यवाही के लिये मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि वह सभी अपने ज्ञान और अध्ययन का पूरा उपयोग करते हुए किसानों को आधुनिकतम कृषि तकनीकों को परिचित कराएंगे, जिससे कृषि उत्पादकता एवं किसानों की आय में वृद्धि हो।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, निदेशक सूचना श्री शिशिर, कृषि निदेशक श्री विवेक कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए

शैक्षिक वर्ष 2021-22 में परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल बैग की धनराशि छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों को पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डी0बी0टी0) किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति

निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्कूल बैग के लिए 01 करोड़ 60 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के बैंक खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से लगभग 1800 करोड़ रु0 की धनराशि अन्तरित की जाएगी

मंत्रिपरिषद ने शैक्षिक वर्ष 2021-22 में प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 01 से 08 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल बैग की धनराशि छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों को पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डी0बी0टी0) किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल-बैग उपलब्ध कराया जाना वचनबद्ध देयता है।
डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि हस्तान्तरण के फलस्वरूप, निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा हेतु धनराशि उपलब्ध कराने की पारदर्शी व्यवस्था स्थापित हो सकेगी तथा हस्तान्तरित धनराशि का ऑडिट ट्रेल रहेगा। विद्यालयों में नामांकित सभी बच्चों को एक साथ ही उक्त चारों सुविधाएं-यूनीफॉर्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग एवं स्वेटर उपलब्ध हो सकेंगी। इससे स्थानीय स्तर पर बाजार विकसित होगा, जिसके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। छात्र-छात्राओं को समय से सुविधाएं उपलब्ध होने से उनकी उपस्थिति एवं सीखने-सिखाने के वातावरण में सुधार होगा। और कक्षा के अनुसार दक्षता प्राप्त करने हेतु अधिक अवसर मिल सकेगा। माता/पिता/अभिभावकों को यह स्वतंत्रता होगी कि बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा अपनी संतुष्टि के अनुसार क्रय कर सकेंगे।
इस व्यवस्था से राज्य, जनपदीय एवं ब्लॉक स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया से मुक्त होकर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने की स्थिति में होंगे।

ज्ञातव्य है कि वर्तमान समय में कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफॉर्म केन्द्र एवं राज्य सरकार के बजट से तथा जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग राज्य सरकार के बजट से निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। निःशुल्क यूनीफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग की व्यवस्था भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं से की जाती है। इससे छात्र-छात्राओं को यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल बैग की ससमय आपूर्ति एक चुनौती बनी रहती है तथा गुणवत्ता के सम्बन्ध में कभी-कभी शिकायतें भी प्राप्त होती हैं। इसके दृष्टिगत मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है। निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्कूल बैग के लिए 01 करोड़ 60 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के बैंक खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से लगभग 1800 करोड़ रुपये की धनराशि अन्तरित की जाएगी।

उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 में संशोधन का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 में संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत नीति के प्रस्तर 6.2.1, प्रस्तर 6.2.2, प्रस्तर 6.2.3.2, एवं प्रस्तर 6.2.3.3 में संशोधन अनुमोदित किया गया है।
उत्तर प्रदेश से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाकर किसानों के उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 प्रख्यापित है। कृषकों के हित में कृषि उत्पादों के निर्यात को सरल एवं सुगम बनाने के लिए नीति में विभिन्न संशोधन किये गये हैं।
उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 में निर्यात क्लस्टर्स हेतु निर्धारित न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि की उपलब्धता 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरन्तरता में होने के कारण, निर्यात आधारित कृषक क्लस्टर के निर्माण में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों के दृष्टिगत 20-20 हेक्टेयर की आपस में निरन्तरता को समाप्त करते हुए विकास खण्ड के सीमान्तर्गत न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि होने का प्राविधान किया गया है। इससे कृषक समूहों को उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति-2019 के अन्तर्गत क्लस्टर आधारित प्रोत्साहन लाभ सुलभ एवं समयान्तर्गत अनुमन्य हो सकेंगे।
नीति में क्लस्टर्स के निकट स्थापित की जाने वाली नवीन प्रसंस्करण इकाइयों के लिए निर्यात आधारित प्रोत्साहन धनराशि दिए जाने, परिवहन अनुदान दिए जाने एवं क्लस्टर सूची में संशोधन की प्रकिया को सरलीकृत करते हुए भुगतान समयान्तर्गत सुनिश्चित किये जाने हेतु अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गठित एक राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति द्वारा किया जाने का प्राविधान किया गया है। इसके सदस्य सचिव निदेशक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, उ0प्र0 एवं अन्य सदस्य शासन द्वारा नामित अधिकारी होंगे।
प्रदेश की लैण्ड लॉक स्थिति के परिप्रेक्ष्य में जल मार्ग से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जल मार्ग से निर्यात हेतु परिवहन अनुदान 05 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति किलोग्राम पोर्ट तक उत्पाद पहुंचाने के मार्ग व्यय सहित किया गया है तथा रेल मार्ग को जोड़ा गया है। इससे प्रदेश से निर्यात हेतु पोर्ट तक रेल/सड़क मार्ग से उत्पाद पहंुचाने पर होने वाले व्यय की भी आंशिक प्रतिपूर्ति हो सकेगी।

उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (द्वितीय संशोधन) अधिनियम, 2020 के प्राविधानानुसार, उत्तर प्रदेश में उत्पादित एवं प्रसंस्कृत विनिर्दिष्ट कृषि उपज पर मण्डी शुल्क/विकास सेस के साथ-साथ प्रयोक्ता प्रभार से छूट को भी सम्मिलित किया गया है। इससे निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सकेगा तथा प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु निर्यात दायित्व सिद्ध किये जाने की प्रक्रिया का निर्धारण समय-समय पर शासन द्वारा किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

भारत डायनामिक्स लि0 के पक्ष में रियायती दर पर भूमि आवंटन के सम्बन्ध में

भारत डायनामिक्स लि0 उ0प्र0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में स्वदेशी तकनीक से रक्षा क्षेत्र में आकाश मिसाइल में प्रयुक्त होने वाले प्रणोदन प्रणाली निर्माण सुविधा की स्थापना करेगी

मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास के लिए उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 (यथासंशोधित) के प्राविधानों में शिथिलीकरण करते हुए भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) के पक्ष में भूमि का आवंटन, भूमि के सकल विक्रय मूल्य का 25 प्रतिशत धनराशि की छूट के साथ, 183 हेक्टेयर भूमि 01 रुपये के टोकन वार्षिक लीज रेन्ट पर दिये जाने तथा इस नीति में आच्छादित पात्र औद्योगिक इकाइयों की तरह भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) को भूमि क्रय पर 100 प्रतिशत की स्टाम्प ड्यूटी से छूट दिये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के झांसी नोड में स्वदेशी तकनीक से रक्षा क्षेत्र में आकाश मिसाइल में प्रयुक्त होने वाले प्रणोदन प्रणाली निर्माण सुविधा की स्थापना करेगी। देश की रक्षा क्षेत्र में विदेशी निर्भरता कम करने, स्वदेशी तकनीकी के विकास एवं अनुसंधान तथा रक्षा उपकरणों एवं उससे सम्बन्धित अन्य सामग्री क्रय में कमी लाने के दृष्टिगत भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) के द्वारा स्वदेशी तकनीकी से रक्षा क्षेत्र में आकाश मिसाइल में प्रयुक्त होने वाले प्रणोदन प्रणाली निर्माण सुविधा की स्थापना अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम है। इसके निर्माण से देश की न केवल सैन्यशक्ति मजबूत होगी अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बल मिलेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य की अग्रणी भूमिका होगी।

इस परियोजना के अन्तर्गत भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बी0डी0एल0) द्वारा कुल 400 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया गया है। इस उपक्रम के द्वारा 100 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार दिए जाने की सम्भावना है। इसके अतिरिक्त, इससे अनेक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों की स्थापना के अवसर प्राप्त होंगे तथा उत्तर प्रदेश राज्य को विभिन्न करों के रूप में राजस्व की प्राप्ति होगी।

डी0आर0डी0ओ0 ब्रह्मोस, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के पक्ष में 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क 01 रु0 के टोकन वार्षिक लीज रेन्ट पर दिये जाने के सम्बन्ध में

ब्रह्मोस उ0प्र0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में स्वदेशी तकनीक से विकसित होने वाली उच्च तकनीक की मिसाइल होगी

मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक के विकास के लिए उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2018 (यथासंशोधित) के प्राविधानों में शिथिलीकरण करते हुए ‘डी0आर0डी0ओ0’ ब्रह्मोस, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के पक्ष में 80 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क 01 रुपये के टोकन वार्षिक लीज रेन्ट पर दिए जाने तथा इस नीति में आच्छादित पात्र औद्योगिक इकाइयों की तरह डी0आर0डी0ओ0 ब्रह्मोस को भूमि क्रय पर 100 प्रतिशत की स्टाम्प ड्यूटी से छूट दिये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अन्तर्गत लखनऊ नोड में लीज पर भूमि पर आवंटन किये जाने हेतु तहसील सरोजनीनगर में 80 हेेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी है। ब्रह्मोस उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में स्वदेशी तकनीक से विकसित होने वाली उच्च तकनीक की मिसाइल होगी।
ज्ञातव्य है कि देश की रक्षा में विदेशी निर्भरता कम करने, स्वदेशी तकनीकी के विकास एवं अनुसंधान तथा रक्षा उपकरणों एवं उससे सम्बन्धित अन्य सामग्री क्रय में कमी लाने के दृष्टिगत डी0आर0डी0ओ0 ब्रह्मोस-एनजी एयरोस्पेस परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके निर्माण से देश की न केवल सैन्यशक्ति मजबूत होगी अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बल मिलेगा, जिसमें उत्तर प्रदेश की अग्रणी भूमिका होगी। इस परियोजना के अन्तर्गत डी0आर0डी0ओ0 द्वारा 05-07 वर्षाें में कुल 9,300 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा तथा लगभग 500 इंजीनियर्स व तकनीकी लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार तथा 1500 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होने की सम्भावना है। इसके अतिरिक्त, अनेक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों की स्थापना के अवसर उपलब्ध होंगे तथा उत्तर प्रदेश राज्य को विभिन्न करों के रूप में राजस्व की प्राप्ति होगी।

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