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लाइट मेट्रो के संचालन की दिशा में गोरखपुर एक कदम बढ़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी जानकारी

लाइट मेट्रो के संचालन की दिशा में गोरखपुर एक कदम और आगे बढ़ गया है. पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की बैठक में गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट के फेज-1 को अनुमोदन मिल गया है.

इस जानकारी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को खुद साझा किया. इसे लेकर किए गए एक ट्वीट में मुख्यमंत्री ने सभी को बधाई दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया है.

गोरखपुर में तीन बोगियों वाली लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए राइट्स व लखनऊ रेल मेट्रो कॉरपोरेशन ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट का अनुमोदन कर शासन को भेज दिया है.

राज्य सरकार के बजट में भी गोरखपुर और वाराणसी में मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. पीआईबी से अनुमोदन मिलने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द गोरखपुर मेट्रो ट्रेन के प्रस्ताव को केंद्र सरकार से भी अंतिम अनुमति मिल जाएगी.

जो डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई गई है उसमें गोरखपुर महानगर में करीब 4600 करोड़ रुपये की लागत से तीन बोगियों (कार) वाली मेट्रो ट्रेन के संचलन का प्रस्ताव है. इसमें दो रूट का प्रस्ताव दिया गया है.

पहला रूट 15.14 किमी लंबा होगा, जो श्यामनगर (बरगदवां के पास) से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक जाएगा. इस पर कुल 14 स्टेशन होंगे. दूसरा रूट गुलरिहा से शुरू

होकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, असुरन चौक, धर्मशाला, गोलघर, कचहरी चौराहा होते हुए नौसढ़ तक जाएगा. यह 12.70 किमी लंबा रूट है, जिस पर 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं.

‘गोरखपुर में मेट्रो सेवा आरंभ करने की प्रक्रिया तीव्र गति से बढ़ रही है. इसी कड़ी में पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की बैठक में गोरखपुर मेट्रोलाइट रेल प्रोजेक्ट के फेज-1 हेतु अप्रूवल मिल गया है. सभी को बधाई. प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार.’

किसानों व नौजवानों के हित में खाद कारखाने का लोकार्पण होगा. नीम कोटेड यूरिया से खेतों में हरियाली बढाने तथा करीब दस हजार प्रत्यक्ष-परोक्ष रोजगार की संभावनाओं के साथ किसानों-नौजवानों के जीवन में खुशहाली लाने को यह कारखाना बनकर पूरी तरह तैयार है.

सात दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर के खाद कारखाने का लोकार्पण करेंगे. बुधवार को खाद कारखाने की स्थापना व संचालन करने वाली कंपनी हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ए.के. गुप्ता ने उद्घाटन कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा भी कर दी है.

इस खाद कारखाने से केवल उत्तर प्रदेश और अन्य सीमाई राज्यों को पर्याप्त उर्वरक की उपलब्धता ही सुनिश्चित नहीं होगी, बल्कि इससे खाद आपूर्ति के मामले में आयात पर निर्भरता भी कम होगी. गोरखपुर का खाद कारखाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डी्रम प्रोजेक्ट है.

इसके लिए बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ 19 सालों तक संघर्षरत रहे. 1998 से लेकर मार्च 2017तक उनके संसदीय कार्यकाल में संसद का कोई भी ऐसा सत्र ऐसा नहीं रहा जिसमें उन्होंने इसके लिए अपनी आवाज बुलंद न की हो.

योगी की पहल और उनकी पुरजोर मांग पर 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी. अब उन्हीं के हाथों सात दिसंबर को इसका उद्घाटन होने जा रहा है.

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