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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 सैनिकों को किया सम्मानित

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को छिंदवाड़ा में कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित विजय दिवस समारोह में 1971 के युद्ध और दूसरे युद्धों में शामिल हुए 20 सैनिकों का सम्मान किया.

उन्होंने दिवंगत सैनिकों की पत्नी और परिजनों को भी स्म्मान चिह्न भेंट किए. छिंदवाड़ा में आयोजित भव्य कार्यक्रम में श्री कमलनाथ ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में शामिल सैनिक और भारत की रक्षा के लिए अन्य युद्धों में शामिल हुए

सैनिकों को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. कमलनाथ ने शौर्य स्मारक पर शहीद जवानों को पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर छिंदवाड़ा के सांसद श्री नकुल नाथ भी मौजूद थे.

इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि आज विजय दिवस भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक बन गया है. आज से 50 साल पहले जब भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान को एक स्वतंत्र देश बांग्लादेश के रूप में स्थापित किया था,

तब कोई महाशक्ति इसकी कल्पना भी नहीं कर सकती थी. यह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का दृढ़ राजनीतिक नेतृत्व ही था जिसके चलते भारतीय सेना ने वह पराक्रम करके दिखाया, जिसकी कल्पना उस समय की महाशक्तियां अमेरिका और सोवियत संघ भी नहीं कर पा रहे थे.

कमलनाथ ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय को याद करते हुए कहा कि उस समय इंदिरा गांधी ने उन पर भरोसा जताया था और मध्यस्थता की बातचीत करने के लिए उन्हें बंगाल भेजा था.

कमलनाथ ने कहा कि मध्यस्थता के लिए एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो बांग्ला भाषा में बात कर सके और उस समय मेरे जैसे नौजवान पर गांधी ने भरोसा जताया था. उन्होंने कहा कि उस समय के हालात और इंदिरा गांधी के राजनीतिक नेतृत्व और

संकल्प को समझना आज की पीढ़ी के लिए बहुत कठिन है. 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की सेना ने पाकिस्तान को ना सिर्फ बुरी तरह पराजित किया था

बल्कि पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को बंदी बना लिया गया था. दुनिया के इतिहास में यह किसी सेना के सबसे बड़े आत्मसमर्पण में से एक था. बाद में इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के सैनिकों को रिहा कर दिया था.

कमलनाथ ने कहा कि आज बहादुर सैनिकों का सम्मान करके कांग्रेस पार्टी अपनी पुरानी परंपरा का निर्वाह कर रही है. भारत की सेना ने हमेशा ही हमारी सीमाओं की रक्षा की है और आज भी बहादुर सैनिकों के संघर्ष से ही देश की सीमा सुरक्षित हैं.

कमलनाथ ने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि छिंदवाड़ा के वीर सपूतों ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और भारत पर हुए हमलों में देश की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानिया दीं.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रवाद की बातें करने का अधिकार नहीं है. भारतीय जनता पार्टी में एक भी नेता ऐसा नहीं है जो स्वतंत्रता सेनानी हो. देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाली कांग्रेस पार्टी राष्ट्रवाद की सच्ची प्रतिनिधि है.

छिंदवाड़ा सांसद नकुल नाथ ने कहा कि वह भारत के महान सैनिकों की बहादुरी को सलाम करते हैं. उन्होंने कहा की विजय दिवस को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के तरह से मनाया जाना चाहिए लेकिन भारतीय जनता पार्टी को श्रेय चुरा लेने की आदत है.

1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय कांग्रेस पार्टी का शासन था और इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थी. कांग्रेस नेतृत्व को श्रेय ना मिल सके इसके लिए जानबूझकर भाजपा विजय दिवस को कम महत्व देती है.

इससे पूर्व कमलनाथ और नकुल नाथ ने परासिया विधानसभा की ग्राम पंचायत पटपड़ा में एक जनसभा को संबोधित किया. एक अन्य कार्यक्रम में बालाघाट पहुंचकर कमलनाथ ने स्वर्गीय लिखीराम कावरे की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

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