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पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बड़ा ऐलान किया.

अमृतसर में दशहरे की शाम रावण दहन के वक्त जोड़ा रेल फाटक के नजदीक हुए हादसे के बाद आरोपों की मार झेल रहे पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बड़ा ऐलान किया. सिद्धू ने वादा किया है कि जो बच्चे अनाथ हुए हैं उनकी जिम्मेदारी वह उठाएंगे. उन्होंने कहा, “मैं अमृतसर में मरने वालों के परिवार का ताउम्र खयाल रखूंगा. मैं उनकी पढ़ाई से लेकर नौकरी तक का जिम्मा उठाउंगा. ये मेरा सब से वादा है.”

सिद्धू ने दिया वचन
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिद्धू ने वचन देते हुए कहा, “जितने बच्चे अनाथ हुए हैं, मैं उन्हें गोद लेता हूं. जितने भी लोग पीड़ित हैं. मैं उनका पालन-पोषण करूंगा. बच्चो की पढ़ाई का सारा खर्च सिद्धू परिवार उठाएगा. सभी के घरों में चूल्हा जलेगा.” आपको बता दें कि सिद्धू ने सोमवार शाम को अमृतसर हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पंजाब सरकार की तरफ से दी गई पांच लाख रुपयों की सांत्वना राशि का चेक भी बांटा है. इस दौरान सिद्धू ने उन लोगों को गले लगा कर उनके साथ अपनी सांत्वना भी साझा की.

“रेलवे ने सबूतों को नष्ट कर दिया”
सिद्धू के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया कि रेलवे ने सबूतों को नष्ट कर दिया है. उन्होंने तमाम सवाल भी उठाए. जाखड़ ने कहा कि जोड़ा फाटक से 200 मीटर दूर दशहरा मनाया जा रहा था, यह गेटमैन को क्यों नहीं दिखा. 10 मिनट पहले वहां से गुजरी एक ट्रेन धीमी रफ्तार से निकल सकती है तो दूसरी क्यों नहीं. ड्राइवर को किस बात की जल्दी थी. वह इतनी स्पीड में क्यों भाग रहा था. इमरजेंसी ब्रेक किस तरह लगाए गए कि ट्रेन रुकी ही नहीं.

मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
वहीं दूसरी ओर पंजाब की राज्य मानवाधिकार आयोग ने अमृतसर ट्रेन दुर्घटना में मारे गए 61 लोगों पर आई मीडिया रिपोर्ट्स का स्वत: संज्ञान लिया है. जिसके बाद आयोग ने डीजीपी पंजाब और मुख्य सचिव पंजाब के जरिए पंजाब के गृह मंत्रालय से 8 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है. जानकारी के मुताबिक कमीशन के चेयरपर्सन जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी, सदस्य जस्टिस आशुतोष और सदस्य अविनाश कौर ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है. 

पूछा- अथॉरिटीज ने पीड़ितों के लिए क्या किया
कमीशन ने लिखा है कि मामला काफी गंभीर है. लोगों और घायलों के मुताबिक सही से प्रबंध नहीं किए गए थे. बताया जा रहा है कि निगम प्रशासन और जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम नहीं उठाए थे जिसके चलते ही स्वत: संज्ञान लिया गया है. इस रिपोर्ट में यह बताने के निर्देश दिए गए हैं कि आखिर अथॉरिटीज ने पीड़ितों के लिए क्या किया.

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