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प्रधानमंत्री ने जनपद अयोध्या में आयोजित ‘6वें दीपोत्सव’

में भगवान श्रीराम के प्रतीक स्वरूप का राज्याभिषेक किया

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद अयोध्या के रामकथा पार्क में दीपावली के अवसर पर आयोजित ‘6वें दीपोत्सव’ में भगवान श्रीराम के स्वरूप का राज्याभिषेक किया।
प्रधानमंत्री जी ने इस अवसर पर देशवासियों को छोटी दीपावली एवं दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के अभिषेक से हमारे अंदर श्रीराम के आदर्श व मूल्य दृढ़ हो जाते हैं। उनका दिखाया पथ प्रदीप्त हो उठता है। अयोध्या के कण-कण में भगवान श्रीराम का दर्शन समाहित है। रामलीलाओं, सरयू आरती, दीपोत्सव तथा रामायण पर शोध व अध्ययन के माध्यम से यह दर्शन पूरे विश्व में प्रसारित हो रहा है। अयोध्या, उत्तर प्रदेश और देश के लोग इस प्रवाह का हिस्सा बन रहे हैं और जन कल्याण की धारा को गति दे रहें हैं। उन्होंने कहा कि श्रीरामलला के दर्शन तथा उसके बाद राजा राम का अभिषेक करने का सौभाग्य आज उन्हें राम जी की कृपा से मिला है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इस बार दीपावली ऐसे समय में आयी है जब देश ने कुछ समय पूर्व ही आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आजादी के इस अमृत काल में भगवान राम जैसी संकल्प शक्ति देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। भगवान राम ने अपने वचन, विचारों, शासन तथा प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा, वह सबका साथ, सबका विकास की प्रेरणा है और सबका विश्वास, सबका प्रयास का आधार भी है। अगले 25 वर्षों में विकसित भारत की आकांक्षा लिए आगे बढ़ रहे हिन्दुस्तानियों के लिए श्रीराम के आदर्श उस प्रकाश स्तम्भ की तरह हैं जो हमें कठिन से कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का हौसला देंगे।
प्रधानमंत्री जी ने सभी देशवासियों से पंचप्रणों को आत्मसात करने का आह्वान किया है। इन पंचप्रणों की ऊर्जा जिस एक तत्व से घिरी हुई है वह भारत के नागरिकों का कर्तव्य है। आज अयोध्या नगरी में दीपोत्सव के पावन अवसर पर हमें अपने इस संकल्प को दोहराना है। श्रीराम से जितना हो सके, सीखना है। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा हमें मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी सिखाती है। मर्यादा जिस बोध की आग्रही होती है, वह बोध कर्तव्य ही है। हमारे धर्म ग्रन्थों में कहा गया है कि ‘रामो  विग्रहवान धर्मः‘। राम साक्षात धर्म के ज्ञानी, कर्तव्य के सजीव स्वरुप हैं। भगवान राम जब जिस भूमिका में रहे, उन्होंने कर्तव्यों पर सबसे ज्यादा बल दिया।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जब वे राजकुमार थे तो ऋषियों और उनके आश्रमों के प्रति साक्षात कर्तव्य निभाया। राज्याभिषेक के समय श्रीराम ने आज्ञाकारी बेटे का कर्तव्य निभाया। उन्होंने पिता व परिवार के वचनों को प्राथमिकता देते हुए अपना कर्तव्य समझकर वन में जाना स्वीकार किया। जब वे वन में होते हैं तो वनवासियों को गले लगाते हैं। वह शबरी का आर्शीवाद लेते हैं। वह सबको साथ लेकर लंका पर विजय प्राप्त करते हैं। जब वह सिंहासन पर बैठते हैं तो वन के वही सभी साथी राम के साथ खड़ें होते हैं। राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते हैं। राम कर्तव्य भावना से मुख नहीं मोड़ते है। राम भारत की उस भावना के प्रतीक हैं जो मानती है कि हमारे अधिकार हमारे कर्तव्यों से स्वयं सिद्ध हो जाते है। इसलिए हमें कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने की जरुरत है। हमारे संविधान में अधिकारों की गारन्टी दी गयी है, साथ ही भगवान राम के रुप में कर्तव्यों का सार्थक व सांस्कृतिक बोध भी है। हम जितना कर्तव्य के संकल्प को मजबूत करेंगे, राम राज्य की संकल्पना उतनी ही साकार होती जाएगी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि देश ने आजादी के अमृत काल में अपनी विरासत पर गर्व तथा गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का आह्वान किया है। यह प्रेरणा भी हमें भगवान राम से मिलती है। भगवान राम ने कहा था कि ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी‘। श्रीराम स्वर्णमयी लंका के सामने हीन भावना में नहीं आए बल्कि उन्होंने कहा कि माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। इसी विश्वास के साथ वे अयोध्या लौटे। अयोध्या की तुलना स्वर्ग से की गई है। जब नागरिकों में राष्ट्र निर्माण तथा सेवा का भाव होता है तो राष्ट्र विकास की असीम ऊंचाइयों को छूता है। जिन स्थानों को हम अपने अस्तित्व का प्रतीक मानते हैं, वे कभी बदहाल थे। विगत आठ वर्षों में देश ने हीन भावना की बेड़ियों को तोड़ा है। हमने भारत के विकास के समग्र बोध को सामने रखा है। राम मन्दिर, काशी विश्वनाथ, केदारनाथ और महाकाल महालोक तक हमारी आस्था के गौरव को पुनर्जीवित किया गया है। हमने समग्र प्रयास को देश के समग्र विकास का जरिया बनाया है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज अयोध्या के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये की नई योजनाएं शुरु की गयी है। सड़कों के विकास के साथ ही चौराहों का सौन्दर्यीकरण हो रहा है। अयोध्या का विकास नए आयाम छू रहा है। रेलवे स्टेशन के साथ विश्व स्तरीय एयरपोर्ट के निर्माण से इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ने से पर्यटन और विकास को बल मिलेगा। अयोध्या के विकास के साथ-साथ रामायण सर्किट के विकास पर भी काम चल रहा है। अयोध्या से शुरु हुए विकास अभियान का विस्तार इस पूरे क्षेत्र में हुआ है। इस सांस्कृतिक विकास के सामाजिक और अन्तर्राष्ट्रीय आयाम भी है। श्रंग्वेरपुर में निषाद राज धाम का निर्माण किया जा रहा है। यहां भगवान राम और निषादराज की 51 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा बनाई जा रही है। यह प्रतिमा रामायण के उस सर्वसमावेशी संदेश को जन जन तक पहुँचाएगी जो हमें समानता तथा समरसता के लिए संकल्पबद्ध करता है। अयोध्या में क्वीन हो मेमोरियल पार्क का निर्माण भारत और दक्षिण कोरिया के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रगाढ़ करने का माध्यम बनेगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में पर्यटन तथा विकास के कार्यों से युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे। आज देश में चार धाम प्रोजेक्ट, बुद्ध सर्किट तथा प्रासाद योजना के अन्तर्गत चल रहे विकास कार्य नए भारत के उत्थान का श्रीगणेश है। अयोध्या भारत की महान सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिम्ब है। राम अयोध्या के राजकुमार थे, लेकिन वे पूरे देश के आराध्य है। उनकी प्रेरणा, तपस्या तथा उनके दिखाए मार्ग पर चलना देशवासियों का कर्तव्य है। उनके आदर्श पथ पर चल कर हमें जीवन जीना है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आज अयोध्या पर दोहरा दायित्व है। आगामी समय में यहाँ विश्व से आने वाले पर्यटकों की संख्या अनेक गुना बढ़ जाएगी। जहाँ कण-कण में राम व्याप्त हों, वहां का जन मानस कैसा हो, लोगों का मन कैसा हो, यह भी उतना ही अहम है। भगवान राम ने सबको अपनापन दिया। वैसे ही अयोध्यावासियों को यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वागत अपनत्व से करना है।अयोध्या की पहचान कर्तव्यनगरी तथा सबसे स्वच्छ नगरी के रुप में होनी चाहिए। यहां की सुन्दरता अप्रतिम हो, इसके लिए योगी जी की सरकार अनेक कार्यों को बढ़ा रही है, लेकिन इस प्रयास में अयोध्या के लोगों का साथ मिल जाएगा, तो अयोध्या की दिव्यता और निखर जाएगी। जब भी नागरिक मर्यादा तथा अनुशासन की बात हो, तो अयोध्या के लोगों का नाम सबसे ऊपर आना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भये सकल शोभा के थानी’ दीपोत्सव के छठवें संस्करण में देश के तपस्वी प्रधानमंत्री जी के आगमन से पूरी अयोध्या उत्साहित है। हम सभी का सौभाग्य है कि जब प्रभु श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या आने पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया था, देश में वह महान पर्व दीपावली के रूप में प्रसिद्ध हुआ। जिस अयोध्या के विषय में स्वयं भगवान श्रीराम ने कहा हो कि ‘जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि, उत्तर दिश बह सरजू पावनि’ वह अयोध्या वीरान नहीं हो सकती थी। 06 वर्ष पहले प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में अयोध्या का दीपोत्सव कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। इसमें पूज्य सन्तों का सान्निध्य प्राप्त हुआ। इस आयोजन के साथ पूरे अयोध्यावासी जुड़ते हुए दिखायी दिए। यह आयोजन लगातार प्रदेश व देश का उत्सव बनता गया। आज यह अपनी सफलता की नई ऊँचाई को छू रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारते हुए उनके आदर्शों के अनुरूप देश में रामराज्य की परिकल्पना साकार हो रही है। देश में रामराज्य की बात के सम्बन्ध में तुलसीदास जी ने बहुत अच्छी व्याख्या की है ‘दैहिक दैविक भौतिक तापा, रामराज नहीं काहिहु व्यापा’। इसी तरह प्रधानमंत्री जी देश में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं। विगत आठ-साढ़े आठ वर्षों में, ढाई वर्ष की कोरोना की महामारी के बावजूद पूरी दुनिया ने देखा है कि किस प्रकार प्रधानमंत्री जी ने लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए, एक परिवार की भांति देशवासियों को निःशुल्क टेस्ट, उपचार, टीकाकरण तथा खाद्यान्न की सुविधा बिना भेदभाव के उपलब्ध करायी है। बिना भेदभाव के स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास, विद्युत कनेक्शन तथा हर गरीब को आयुष्मान बनाने के लिए 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कल 22 अक्टूबर, 2022 को ही प्रधानमंत्री जी ने 10 लाख युवाओं को 01 वर्ष के अन्दर मिशन रोजगार के तहत नौकरी देने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। इसके पहले 10 लाख युवाओं को भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में सम्मिलित होने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। अमृत महोत्सव वर्ष में इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी मिशन, आदर्श गांव की परिकल्पना को मूर्त रूप प्रदान करते हुए रामराज्य को साकार किया जा रहा है। अयोध्या में भव्य मन्दिर का निर्माण गुलामी के दंश से मुक्ति तथा विरासत के प्रति सम्मान है। काशी में भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम का बन जाना तथा यहां दीपोत्सव में दीप प्रज्ज्वलन का एक नया कीर्तिमान स्थापित होना भी विरासत का सम्मान है। उत्तराखण्ड में चारों धाम का विकास, महाकाल का पर्यटन विकास, योग की परम्परा को वैश्विक मंच पर पहुंचाना, प्रयागराज में कुम्भ का भव्य एवं दिव्य आयोजन विरासत का सम्मान है। आज का यह कार्यक्रम भी विरासत को सम्मान देने की एक कड़ी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विन्ध्यवासिनी कॉरिडोर का युद्धस्तर पर विकास किया जा रहा है। एक ओर रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट के साथ ही, मथुरा-वृन्दावन का विकास व बौद्ध परिपथ, शक्ति पीठों का जीर्णोद्धार आदि कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गांव, गरीब, मजदूर, किसान, नौजवान, महिलाओं सहित प्रत्येक तबके को शासन की योजनाओं का लाभ सुलभ कराने के लिए प्रधानमंत्री जी देश में कहीं भी जाते हैं, पूरा भारत उनके साथ, एक स्वर में चलता हुआ दिखायी देता है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत के शिल्पकार प्रधानमंत्री जी का आज दीपोत्सव में भगवान श्रीराम के अभिषेक के कार्यक्रम से जुड़ना देशवासियों को अभिभूत कर रहा है। प्रधानमंत्री जी का सबका साथ, सबका विकास का मंत्र प्रभु श्रीराम के आदर्शों के अनुरूप पूरे देश को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने भगवान श्रीराम के आदर्श, जीवन दर्शन तथा विभिन्न सामाजिक विषयों से जुड़ी झांकियों सहित शोभा यात्रा का अवलोकन किया। हेलीकॉप्टर से प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के स्वरूपों का अवतरण हुआ, जिनका प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी, मुख्यमंत्री जी, उप मुख्यमंत्री द्वय तथा विशिष्ट महानुभाव ने स्वागत किया। यहीं पर भरत मिलाप का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। राज्यपाल जी, मुख्यमंत्री जी सहित अन्य विशिष्ट महानुभाव प्रभु श्रीराम जी का रथ खींचकर राम कथा पार्क के मंच तक लाये। प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के मंच पर आने पर राज्यपाल जी, मुख्यमंत्री जी, उप मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रिगण तथा साधु-सन्तों ने पूजन-वन्दन एवं आरती की। इस अवसर पर हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किया गया, जिससे उपस्थित जनसमुदाय आह्लादित हुआ। इसके उपरान्त उप मुख्यमंत्री द्वय ने पूजनीय सन्तों का स्वागत, वन्दन और अभिनन्दन भी किया। कार्यक्रम के दौरान दीपोत्सव पर आधारित पर्यटन विभाग की कॉफी टेबल बुक तथा पुस्तकों-अमेजिंग अयोध्या, रामायण 40 शिक्षायें तथा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र एवं डॉ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पोस्टल आवरण का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी तथा मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में काशी, चित्रकूट, अयोध्या, प्रयागराज सहित सभी तीर्थों का विकास हो रहा है। दीपोत्सव के माध्यम से उत्तर प्रदेश में रोजगार के असीम अवसर सृजित हो रहे हैं। अयोध्या व काशी में पहले 10,000 से 15,000 श्रद्धालु आते थे। इनके विकास के पश्चात अब लाख-सवा लाख श्रद्धालु आते हैं। तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं के बड़े पैमाने पर आगमन से रोजगार के अधिक अवसर बन रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रभु श्रीराम की कृपा से त्रेता युग के बाद अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम का दरबार सजा है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी का आभार जताया।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि अयोध्या में छठवीं बार दीपोत्सव के आयोजन के माध्यम से भगवान श्रीराम का सन्देश देश ही नहीं पूरे विश्व में जा रहा है। इस बार के दीपोत्सव में 18 लाख दीप प्रज्ज्वलित कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी का सनातन संस्कृति को विश्व में प्रतिष्ठित करने का प्रयास अभिनन्दनीय है। प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में देश व प्रदेश में ‘सबका साथ, सबका विकास’ की परिकल्पना को साकार किया जा रहा है। कार्यक्रम को पूर्व मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान लोक गायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी सहित विभिन्न कलाकारों ने गीत, भजन व कविताएं प्रस्तुत कीं।
दीपोत्सव-2022 के अवसर पर अयोध्या में आज सर्वप्रथम भगवान श्रीराम के आदर्श एवं जीवन दर्शन तथा विभिन्न सामाजिक विषयों से जुड़ी झांकियों सहित भव्य ‘शोभा यात्रा’ का आयोजन किया गया। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने ‘शोभा यात्रा’ का शुभारम्भ कर झण्डी दिखाकर झांकियों को रवाना किया। यह मनोरम शोभा यात्रा साकेत महाविद्यालय के समीप अयोध्या द्वार से प्रारम्भ हुई, जो अयोध्या के मुख्य मार्गों से होते हुए रामकथा पार्क में सम्पन्न हुई।
‘शोभा यात्रा’ में 11 झांकिया प्रस्तुत की गईं। इनमें (1) पुत्रेष्टि यज्ञ सबको सुरक्षा, भयमुक्त समाज एवं गुरुकुल शिक्षा बच्चों को शिक्षा का अधिकार, (2) अहिल्या उद्धार एवं मिशन शक्ति, नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी स्वावलम्बन, 1090 एवं 1076 की सुविधा, (3) राम-सीता विवाह एवं बेटियों के विवाह हेतु सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्था, (4) केवट प्रसंग एवं समाज कल्याण, (5) पंचवटी/वन एवं पर्यावरण, (6) शबरी-राम मिलन एवं महिला कल्याण, (7) लंका दहन एवं अपराधियों एवं भू-माफियाओं के विरुद्ध अभियान, (8) रामेश्वरम सेतु एवं उ0प्र0 में पुलों का निर्माण, (9) पुष्पक विमान एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी, बेहतर वायु कनेक्टिविटी, (10) राम राज्याभिषेक एवं बेहतर कानून व्यवस्था तथा दीपोत्सव एवं नारी एक रूप अनेक प्रमुख रूप से शामिल रहीं। शोभा यात्रा में विभिन्न कलाकारों ने प्रतिभाग किया।
इसके अलावा, पर्यटन विभाग की भी झांकियां शामिल रहीं। शोभा यात्रा में उत्तराखण्ड के विधि लोकनृत्यों सहित धोबिया, राई, पाइ डण्डा, बीन जोगी, बहुरूपिया, फरुवाही, रणसिंघा, ढिंढिया, बम रसिया, मयूर आदि लोकनृत्यों का कलाकारों द्वारा प्रदर्शन किया गया। झांकियों का भारी जनसैलाब ने अभिवादन तथा अवलोकन किया और कलाकारों तथा झांकियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। झांकियों का संयोजन व प्रदर्शन उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग तथा पर्यटन विभाग द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के दौरान जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, अन्य जनप्रतिनिधिगण, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी महाराज सहित बड़ी संख्या में साधु-सन्तगण, श्रद्धालु, मुख्यमंत्री जी के सलाहकार श्री अवनीश कुमार अवस्थी तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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