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नेतन्याहू ने ईरान पर ‘सबसे कड़े’ प्रतिबंध लगाने के लिए ट्रंप को सराहा

इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर दोबारा कड़े प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की सरहाना की. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान ईरान और वैश्विक शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते के तहत हटाए गए सभी प्रतिबंधों को अमेरिका द्वारा दोबारा बहाल करने के फैसले के बाद नेतन्याहू ने सोमवार (05 नवंबर) को ये बयान दिया. 

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, नेतन्याहू ने इजरायल की संसद में इस कदम की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया. नेतन्याहू लंबे समय से ईरान परमाणु समझौते के आलोचक रहे हैं. उन्होंने ईरान पर दोबारा अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए ट्रंप का आभार जताया. 

आपको बता दें कि अमेरिका ने ईरान के तेल और आर्थिक क्षेत्र को निशाना बनाते हुए दंडात्मक प्रतिबंध फिर से लागू किए हैं. विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इसे ईरान के खिलाफ अब तक का सबसे कड़ा प्रतिबंध बताया है. ये प्रतिबंध सोमवार (5 नवंबर) को लागू हुए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई में तेहरान के साथ बहुराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अलग होने का विवादित फैसला लिया था. ये प्रतिबंध उसी के परिणाम हैं. इन प्रतिबंधों के कारण ईरान के साथ कारोबार करने वाली तीसरे देशों की कंपनियां सीधे तौर पर प्रभावित होंगी

इससे विश्व के तेल बाजार प्रभावित होंगे. हालांकि, अमेरिका ने आठ देशों को ईरान से तेल आयात जारी रखने की अस्थायी छूट दे रखी है. पोम्पिओ ने ‘सीबीएस’ चैनल के ‘फेस दी नेशन’ से कहा कि अमेरिका की ओर से प्रतिबंध आज रात मध्य रात्रि से फिर से लागू होंगे.

इससे वहां तेल जगत और फाइनेंसियल क्षेत्रों में भारी असर पड़ने वाला है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि ईरान के खिलाफ यह अब तक का सबसे कड़ा प्रतिबंध है. इस प्रतिबंध से ईरान के साथ व्यापार करने वाले तीसरे देशों की कंपनियों को भारी नुकसान होगा. ये प्रतिबंध विश्व तेल बाजारों को भी ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं, हालांकि अमेरिका ने ईरानी तेल आयात जारी रखने के लिए आठ अधिकार क्षेत्रों में अस्थायी छूट प्रदान की है.

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