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ऐसा क्‍या हुआ, जो बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों से भाग रहे हैं रोहिंग्या…

 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी उन्हें इस हफ्ते के मध्य में वापस म्‍यांमार भेजे जाने से बचने के लिए बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों से भाग रहे हैं. समुदाय के नेताओं ने सोमवार को यह जानकारी दी.

अधिकारी रोहिंग्या शरणार्थियों को बृहस्पतिवार से बौद्ध बहुल म्‍यांमार वापस भेजे जाने की योजना बना रहे हैं. ये शरणार्थी म्‍यांमार में उनपर हुए अत्याचार के बाद वहां से भाग निकले थे. संयुक्त राष्ट्र ने इस क्रूरता को नस्लीय सफाया नाम दिया था.

समुदाय के नेताओं के मुताबिक इस संभावना ने शिविरों में रह रहे लोगों को आतंकित कर दिया और कुछ ऐसे परिवार ,जिन्हें सबसे पहले वापस भेजा जाना था, वहां से फरार हो गए. 

जामतोली शरणार्थी शिविर के नूर इस्लाम ने कहा, “अधिकारी शरणार्थियों को लगातार वापस जाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं. पर इसके उलट वह भयभीत होकर दूसरे शिविरों में भाग रहे हैं.”योजना के तहत बृहस्पतिवार से करीब 2,260 रोहिंग्या मुसलमानों को दक्षिणपूर्वी कॉक्स बाजार जिले की सीमा से स्वदेश वापस भेजा जाना है.

उल्‍लेखनीय है कि भारत ने बीते माह असम में अवैध रूप से रह रहे सात रोहिंग्या प्रवासियों को गुरूवार को उनके मूल देश म्यामांर वापस भेज दिया था. भारत द्वारा उठाया गया यह इस तरह का पहला कदम था. इन अवैध प्रवासियों को 2012 में पकड़ा गया था और उसके बाद से वे असम के सिलचर स्थित कछार केंद्रीय जेल में बंद थे. 

असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीमा) भास्कर जे. महंत ने बताया था, ‘म्यामांर के सात नागरिकों को गुरुवार को वापस भेज दिया गया. इन प्रवासियों को मणिपुर में मोरेह सीमा चौकी पर म्यामांर अधिकारियों को सौंपा गया.’  महंत ने कहा कि म्यामांर के राजनयिकों को वाणिज्यिक पहुंच प्रदान की गई थी जिन्होंने प्रवासियों की पहचान की पुष्टि की.

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