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बरेली में आज होली के रंग भरेगी ऐतिहासिक राम बरात, बरसेगा अबीर-गुलाल

बरेली में रविवार को 1400 स्थानों पर होलिका दहन होगा, जबकि जिले में कुल करीब 3500 जगह होलिका जलाई जाएगी। इस दौरान शहर में ऐतिहासिक प्राचीन राम बरात भी निकलेगी। प्रशासन ने इसे पुराने परंपरागत रूट से ही निकालने की अनुमति दे दी है। बरात भ्रमण के दौरान अर्धसैनिक बल पूरे रास्ते साथ रहेंगे। पुलिस व पीएसी के अलावा एंबुलेंस व दमकल भी साथ रहेंगी। पुलिस प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है।

राम बरात का एक हिस्सा किला के मलूकपुर से निकलता है और इसमें प्रेमनगर के चाहबाई से निकलने वाला दूसरा हिस्सा बड़ा बाजार में मिलता है। दोनों यात्राएं दोपहर में मिलती हैं। पिछले वर्ष कुतुबखाना पुल निर्माण की वजह से बरात का रास्ता दो सौ मीटर बदला रहा था, लेकिन इस बार ये परंपरागत रास्ते से ही निकलेगी।

एसपी सिटी राहुल भाटी के नेतृत्व में पुलिस के करीब आठ सौ कर्मचारी, दो कंपनी, एक प्लाटून पीएसी और दो कंपनी अर्धसैनिक बल जुलूस के साथ रहेंगे। वहीं होलिका दहन के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जगह संबंधित थानों की पुलिस को तैनात किया जा रहा है। होलिका दहन सुरक्षा समिति के सदस्यों को भी जिम्मेदारियां दी गई हैं। शहरी क्षेत्र में मिश्रित आबादी के इलाकों में होली के दिन अर्धसैनिक बल व पीएसी के जवान रूट मार्च करेंगे।

दमकल की नौ गाड़ियां रहेंगी साथ
फायर बिग्रेड की नौ गाड़ियां जुलूस शुरू होने से समाप्त होने तक राम बरात के साथ में मौजूद रहेंगी। एफएसओ संजीव कुमार ने कुछ गाड़ियों को जुलूस के साथ आगे-पीछे लगाया है तो कुछ गाड़ियां जुलूस के प्वाइंट पर खड़ी की गई हैं। हर गाड़ी पर स्टाफ तैनात किया गया है। सभी गाड़ियों को पानी भरकर तैयार रखा गया है जो सुबह से ही अपने निर्धारित प्वाइंट पर पहुंच जाएंगी। होलिका दहन के दौरान पांच और सोमवार को प्रस्तावित नरसिंह शोभायात्रा में भी दो गाड़ियां लगाई गई हैं।

एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि राम बरात को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। भारी सुरक्षा के बीच बरात निकाली जाएगी। संवेदनशील इलाकों में छतों पर भी पुलिस बल तैनात रहेगा। साथ ही ड्रोन से भी निगरानी होगी। किसी ने खुराफात की कोशिश की तो जेल भेजा जाएगा।

डेढ़ शताब्दी से पहले हुई थी राम बरात की शुरुआत
होली के अवसर पर शहर में होने वाली बमनपुरी की रामलीला 164 साल पुरानी है। इसी कड़ी में राम बरात भी निकाली जाती है। राम लीला कमेटी के प्रवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि होली पर इसकी शुरुआत फाल्गुन महोत्सव के रूप में की गई थी। फिर कुछ पंडितों और विद्वानों ने बताया कि तुलसी दास जी की विनय पत्रिका में होली पर भगवान राम की लीला और गीतों का वर्णन मिलता है।

उसी आधार पर यहां रामलीला की शुरुआत की गई। उस समय मंच आदि पक्के नहीं होते थे। श्री नृसिंह मंदिर के बाहर चौक में रामलीला का मंच बड़े-बड़े ड्रम पर तख्त रखकर बनाया गया था। वही स्थिति आज भी है, यहां पर पक्का मंच नहीं है। धीरे-धारे यह राम लीला भव्य रूप लेती गई। इसी के साथ राम बारात निकाले जाने की परंपरा शुरु हुई, जो आज ऐतिहासिक रूप ले चुकी है।

आज रात में होगा होलिका दहन
ज्योतिषाचार्य कृष्ण के.शर्मा के अनुसार आज रात में होलिका दहन है। इस दिन सुबह 9 बजकर 56 मिनट से रात 11 बजकर 14 मिनट तक भद्रा रहेगी। इस कारण होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा के बाद रात 11 बजकर 14 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 14 मिनट बजे तक रहेगा।

ये है पूजा विधि
पूजा की सभी सामग्री लेकर होलिका दहन के लिए जाएं। वहां सबसे पहले जल अर्पित करें और जल अर्पित करते समय सात परिक्रमा लगाएं। इसके साथ होलिका पर कच्चा सूत बांधें, फिर गाय के गोबर से बने उपले अर्पित करें। इसके बाद हल्दी, गुलाल और फूल अर्पित करें।

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