जम्मू कश्मीर

कुलशने में दिखी महिलाओं के स्वच्छदंता की झलक

जम्मू : जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से आयोजित वार्षिक नाट्योत्सव के तीसरे दिन टीएस प्रेमी के निर्देशन में पंजाबी नाटक कुलशने का मंचन किया गया। नाटक यह सवाल उठाता दिखा की अगर पुरुष किसी से भी संबंध स्थापित कर सकता है तो महिला अपने पर बांझपन या दूसरा कोई आरोप सहने के बजाए किसी और से संबंध स्थापित कर बच्चा क्यों पैदा नहीं कर सकती।

मनोरंजन कला केंद्र की ओर से अभिनव थियेटर में मंचित नाटक में दर्शाया गया कि कैसे महिला के मां न बनने पर उसे कई तरह की बातें सुननी पड़ती हैं। हर औरत एक जीवन में एक समय मां बनना चाहती है। बहुत से लोगों को यह खुशी नहीं मिल पाती।

नाटक में दर्शाया गया कि नाटक की नायिका की शादी हुए तीन वर्ष हो चुके हैं। फिर भी वह शादी की मजेदार खुशी से वंचित है। एक दिन उसके पति का दोस्त उसके घर आता है। नशे में उसके उसके साथ संबंध स्थापित हो जाता है। कुछ दिन के बाद वह संबंधों के बारे में बताती है। यह सुनने के बाद हेरोइन का पति नाराज हो जाता है और तलाक के लिए कोर्ट जाने की तैयारी करने लगता है। सर्कस्टीस्टी की समस्या के चलते वह ऐसा नहीं कर पाता। डिलीवरी का समय निकट आता है और बच्चे की जन्म के दौरान ही मौत हो जाती है। पत्नी से पति ज्यादा निराश हो जाता है क्योंकि उसने बच्चे के जन्म के साथ ही नसबंदी के लिए कहा होता है। बाद में नर्स बताती है कि नसबंदी नहीं की थी। इस पर पति कहता है कि वह अपने दोस्त को एक दिन फिर आमंत्रित करेगा। इसके साथ ही नाटक संपन्न हो जाता है।

नाटक में सोहन वर्मा ने पति, अपर्णा शर्मा ने पत्नी, सीमा डोगरा ने नर्स, मक्खन लाल शर्मा ने दोस्त की भूमिका निभाई। लाइट डिजाइ¨नग राज कुमार भट्ट, अजय शर्मा ने की।सेट सोहन वर्मा, रमेश शर्मा ने डिजाइन किया। ध्वनि नियंत्रण लोकेश कुमार, तारा चंद ने किया। संगीत बल¨वद्र ¨सह ने दिया। मेकअप नीना रानी, रजनी बाला ने किया। वेशभूषा बल¨वद्र कौर ने डिजाइन की।

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