मूसाझाग थाने में सामूहिक दुष्कर्म कांड के आरोपित दो सिपाहियों को 25-25 साल की सजा
मूसाझाग थाने के सामूहिक दुष्कर्म कांड में आखिरकार साढ़े तीन साल बाद पीडि़त को इंसाफ मिला। पॉक्सो कोर्ट ने दोनों आरोपित सिपाहियों को दोषी ठहराते हुए 25-25 साल की सजा सुनाई। साथ ही 35-35 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की पूरी राशि पीडि़ता को देने के आदेश दिए। दोनों आरोपित बरेली के निवासी हैं।
थाना मूसाझाग क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने एक जनवरी 2015 को रोती बिलखती एसएसपी दफ्तर पहुंची। उसने जो दर्द सुनाया वह रोंगटने खड़े करने वाला था। बताया कि 31 दिसंबर 2014 की रात जब उसकी 14 वर्षीय बेटी शौच के लिए घर से बाहर निकली, तभी मूसाझाग थाने के सिपाही अवनीश और वीरपाल अपनी कार से उसे गाड़ी में डालकर मझारा की तरफ लेकर चले गए। पुत्री को ले जाते समय गांव के बहुत से लोगों ने देखा।
पुलिस के डर की वजह से कोई कुछ नहीं कह सका। आरोपित सिपाहियों ने उसकी पुत्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और रात 12 बजे गांव के बाहर छोड़कर चले गए। महिला की शिकायत पर एसएसपी ने सिपाही वीरपाल निवासी गुरुगांव, थाना सिरौली व अवनीश कुमार निवासी गौटिया राजपुर कला, थाना अलीगंज, बरेली के खिलाफ किशोरी को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म करने व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया।
साढ़े तीन साल सुनवाई चली। बुधवार को न्यायाधीश देशराज प्रसाद सिंह ने सारे सुबूतों का अवलोकन किया। अभियोजन पक्ष के एडीजीसी विलालउद्दीन व अरविंद शर्मा, बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद सिपाहियों को दोषी पाया।