मध्य प्रदेश

आपने डॉक्टरों को चुनाव ड्यूटी में लगा दिया, इलाज कौन करेगा

हाईकोर्ट की युगलपीठ ने डेंगू को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि शहर में फैल रही बीमारियों के लिए नगर निगम और शासन दोनों पूरी तरह से जिम्मेदार है। अब डेंगू के साथ जीका वायरस के मामले भी सामने आने लगे हैं। शहर में डेंगू और जीका वायरस की रोकथाम के लिए कोई उपाय नहीं किए गए। डॉक्टरों को चुनाव ड्यूटी में लगा दिया, अगर कोई व्यक्ति बीमरा होता है तो उसका इलाज कौन करेगा। इस समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए। शासन ने डेंगू व जीका वायरस से प्रभावित मरीजों के उपचार के लिए क्या व्यवस्था की गई। अगले सप्ताह तक न्यायालय में नगर निगम और शासन रिपोर्ट पेश करे।

अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने डेंगू-मलेरिया को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि शहर में सफाई नहीं हो रही है। जगह-जगह पानी भरा हुआ है, जिसमें डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं। तानसेन नगर, रेशम मिल, कांच मिल, चार शहर का नाका, बहोड़ापुर, किला गेट, पड़ाव क्षेत्र, मुरार, दर्पण कॉलोनी, परसादी पुरा, गोला का मंदिर, पुष्कर कॉलोनी, डीडी नगर में डेंगू का ज्यादा प्रकोप है।

यहां पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इन जगहों पर नगर निगम फोगिंग भी नहीं कर रही है। इससे स्थिति भयाभय हो चुकी है। चार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके प्रशासन व नगर निगम गंभीर नहीं हुआ है। पॉश कॉलोनियों में निगम सफाई कर रही है, लेकिन जहां डेंगू फेल रहा है, वहां कोई ध्यान नहीं है। 

शहर में बन चुके दलदल को खत्म किया जाए

शहर में घर-घर जाकर कचरा उठाने की व्यवस्था है, लेकिन यह व्यवस्था भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। इसके चलते रोजाना कचरा उठाने के लिए गाड़ियां नहीं भेजी जाती हैं। कचरा उठाने की दिशा में कार्य किया जाए।

– गोला का मंदिर पर शुलभ शौचालय के पास दलदल बना हुआ है। वहां पर मच्छर पनप रहे हैं। यहां फोगिंग की विशेष जरूरत है, लेकिन फोगिंग नहीं की गई। नियमित फोगिंग की जाए।

शहर के शासकीय अस्पतालों में डेंगू-मलेरिया के उपचार के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इनमें सुधार किया जाए। उपचार के अभाव में लोगों की मौत हो रही है।

– बरसात के पूर्व व बरसात के बाद निगम फोगिंग नहीं करती है। इसलिए सालभर फोगिंग की व्यवस्था कराई जाए, जिससे मच्छर नहीं पनप पाएं।नालों में सुधार किया जाए, ताकि नालों में पानी इकट्ठा न हो पाए।

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