उत्तर प्रदेश

पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन पर फैसले के लिए लखनऊ में आज जुटे डेढ़ सौ कर्मचारी संगठन

पुरानी पेंशन का आंदोलन अक्टूबर में स्थगित करने वाले प्रदेश के डेढ़ सौ से अधिक कर्मचारी संगठनों ने अब एक बार फिर झंडा उठाकर बिगुल फूंकने की तैयारी की है। शासन द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति के रुख से निराश यह संगठन गुरुवार को कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले राजधानी में एकत्र हो गए हैं। शासन द्वारा दो महीने के लिए गठित समिति का कार्यकाल 24 दिसंबर को खत्म हो रहा है। पुरानी पेंशन बहाली मंच ने 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक के बाद 25 अक्टूबर से प्रस्तावित हड़ताल को दो महीने के लिए यानि 24 दिसंबर तक के लिए स्थगित किया था।

कोई समाधान निकलने की उम्मीद नहीं

बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय सहित अन्य अधिकारियों ने दो महीने में समिति की संस्तुति तैयार होने की उम्मीद जताई थी लेकिन, समिति के कार्यकाल का अधिकांश समय बीतने के बाद अब तक हुई बैठकों में कोई समाधान तैयार नहीं हो पाया है। अब तक की बैठकों में न तो केंद्र के प्रतिनिधि शामिल हुए और न ही समिति में सदस्य बनाए गए विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव व अपर मुख्य सचिव ही बैठकों में आए। पुरानी पेंशन बहाली मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी बताते हैैं कि समिति से अब कोई समाधान निकलने की उम्मीद नहीं है। इसीलिए मंच में शामिल सभी संगठनों की बैठक गुरुवार को बुलाई गई है, ताकि अब तक हुई बैठकों का विवरण सबके सामने रखकर आगे की रणनीति तय की जा सके और आंदोलन का निर्णय लिया जा सके। 

शामिल होंगे अवनीश अवस्थी

पुरानी पेंशन बहाली मंच के पदाधिकारियों की मांग पर मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव सूचना व पर्यटन अवनीश अवस्थी को भी शासन द्वारा गठित समिति में नवें सदस्य के तौर पर शामिल कर लिया है। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने इसे सकारात्मक कदम करार दिया है। तिवारी ने बताया कि ऑल टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) भी पुरानी पेंशन बहाली मंच में शामिल हो गया है। अटेवा के प्रांतीय मंत्री प्रदीप कुमार सिंह को मंच की संघर्ष समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है।

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