19 दिन आईसीयू में मौत से जंग लड़कर सेना में अफसर बनने वाले जेंटलमैन कैडेट राजशेखर की कहानी जीवटता से भरपूर है। राजशेखर ने विपरीत हालात से लड़कर न केवल जिंदगी की जंग जीती बल्कि आईएमए में वापसी कर शनिवार को पासिंग आउट परेड से सेना में अफसर बन गए।
इसके पीछे उनकी मां और बड़े भाई के समर्पण के साथ ही आईएमए के उनके अधिकारियों का भी खास रोल रहा है। जीसी राजशेखर को आईएमए में ‘बेस्ट मोटिवेशनल कैडेट’ अवार्ड से नवाजा गया।
जीसी राजशेखर मूल रूप से तमिलनाडु निवासी हैं। 10वीं की पढ़ाई के दौरान उनके पिता का देहांत हो गया। परिवार आर्थिक संकट में आ गया। मां शांति ने सिलाई शुरू कर दी। बड़े भाई मणिकनड्डन ने पढ़ाई छोड़कर 300 रुपये प्रतिमाह की नौकरी शुरू कर दी।
दोनों का मकसद था कि किसी तरह राजशेखर की पढ़ाई पूरी हो जाए। आर्थिक हालात इतने कमजोर थे कि पढ़ाई के दौरान ही राजशेखर इलेक्ट्रिकल की दुकान में पार्ट टाइम जॉब करने लगे। मेहनत से पढ़कर आगे बढ़े और वर्ष 2017 में आईएमए में आर्मी एजुकेशन कोर में एंट्री पाई।
जीवन की परीक्षा यहीं तक नहीं थी बल्कि इसके बाद शुरू हुई सबसे कठिन परीक्षा। राजशेखर बताते हैं कि एक दिन वह दौड़ लगाते हुए अचानक बेहोश होकर गिर गए। उन्हें दून के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया।