Loksabha Election: चुनावों में अर्द्धसैनिक बलों को ज्यादा भत्ता मिलेगा
केंद्र सरकार ने आम चुनाव (Loksabha election) के दौरान ड्यूटी के लिए भेजी जाने वाली अर्द्धसैनिक बलों (Paramilitary forces) की कंपनियों की आकस्मिक व्यय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने 35 हजार की मौजूदा राशि को बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसकी सूचना सभी सशस्त्र बलों को भेज दी गई है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ साल में अर्द्धसैन्य बलों को मिलने वाले भत्तों में लगातार इजाफा किया गया है।
ज्यादा खर्च की इजाजत :
सशस्त्र बलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने प्रति कंपनी को आकस्मिक व्यय राशि को 35 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। आम चुनाव 2019 के लिए ड्यूटी पर रवाना होने वाली कंपनियों को बढ़ी हुई राशि अग्रिम रूप से दी जाएगी। इसके अंतर्गत आकस्मिक व अन्य व्यय की इजाजत दी जाएगी। चुनाव के दौरान इस मद में खर्च को बजट के अन्य उपयोग मद में से वहन किया जाएगा। फिलहाल सरकार मानकर चल रही है कि करीब पांच से सात करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय आकस्मिक निधि के रूप में हो सकते हैं।
सुरक्षा के लिए जरूरतों का ख्याल :
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जवानों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर ड्यूटी के दौरान उनके खानपान, आवास व अन्य जरूरतों के मद्देनजर अर्द्धसैनिक बलों की चिंताओं को सरकार ने ध्यान में रखा है। सूत्रों ने कहा कि चुनाव के दौरान सुरक्षा के लिए अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती के संबंध में चुनाव आयोग से चर्चा और जरूरतों के मुताबिक फैसला किया जाएगा। पिछले आम चुनाव में दो लाख से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया था। हजारों वाहनों के अलावा एक दर्जन से ज्यादा हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे। आईटीबीपी, सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स के लाखों जवानों के परिवहन को लेकर भी सरकार पहले से बेहतर सुविधाओं को लेकर कवायद कर रही है
राहत के संकेत :
सूत्रों ने कहा कि नियमित तौर पर राहत के अलावा सरकार जवानों की सुविधाओं को लेकर बजट में भी कुछ अहम संकेत दे सकती है। सुरक्षा बलों की ओर से अर्द्धसैनिक बलों की कैंटीन को रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही कैंटीन की तर्ज पर जीएसटी से राहत, पेंशन योजना में सुधार सहित कई प्रस्तावों पर अर्द्धसैनिक बल केंद्र सरकार से सकारात्मक रुख अपनाने की उम्मीद लगाए हुए हैं।