भगवान शिव के क्रोध इन्होने लिया था जन्म,

कहते हैं हिन्दू धर्म में पूजा पाठ को सबसे ज्यादा अहम माना जाता है. ऐसे में इस धर्म में सभी देवी-देवता की पूजा के लिए अलग-अलग विधान से की जाए तो ही सब कुछ अच्छा होता है. बात करें देवों के देव महादेव यानी कि भोलेनाथ की तो वह प्रथम पूजनीय देवता कहे जाते हैं. इसी के साथ वह बहुत जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा फल देते हैं. उनको प्रसन्न करना इन भक्तों के लिए बहुत ही सरल माना जाता है और इन्हें प्रसन्न करना आसान माना जाता है.

इसी के साथ इनका क्रोध भी बहुत खतरनाक माना जाता है और इसे झेल पाना सभी के बस की बात नहीं होती है. कहते हैं भगवान भोलेनाथ का गुस्सा बहुत ही अद्भुत होता हैं जिसके बारे में एक कथा प्रचलित है जो आप हम आपको बताने जा रहे हैं. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु जी के बीच में विवाद होने लगा जिसकी वजह से भगवान शंकर अत्यधिक क्रोधित हो गए थे और उनके क्रोध से एक अद्भुत शक्ति का जन्म हुआ था जिससे काल भैरव के नाम से जाना जाता हैं. कहते हैं जिस दिन कालभैरव उत्पन्न हुए थे उसी दिन कालाष्टमी की तिथि थी और धर्म शास्त्रों के मुताबिक इस दिन पूरे भक्ति भाव से इनकी पूजा और व्रत करने मात्र से व्यक्ति को अपने जीवन में सभी सुखों की प्राप्त होने लगती है.
इसी के साथ उसके बाद उस व्यक्ति के जीवन में कभी कोई कष्ट या फिर समस्या नहीं उत्पन्न हो पाती हैं. वहीं हर महीने के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का त्यौहार मनाते हैं और इस दिन भोले के भक्त उपवास रखते हैं. इसी के साथ इस दिन भगवान भोलेनाथ के अंश कालभैरव की पूजा व अर्चना की जाती हैं. कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से भी पुकारते हैं.
 
 



