उत्तराखंड

चंद शरारती तत्व बने उत्तराखंड से कश्मीरी छात्रों के वापसी की वजह

जम्मू-कश्मीर के छात्रों की देहरादून से वापसी भले ही कुछ दिनों के लिए हुई हो, लेकिन यह सब अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। क्योंकि इसका कारण उन्हीं के बीच पढ़ाई करने की नीयत से आए वह संदिग्ध रहे, जिनका हाथ पूर्व में आतंकी गतिविधियों, सेना पर पत्थरबाजी या सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने में रहा। सूत्रों की मानें तो सुरक्षा एजेंसियों ने अभी भी कई कश्मीरी छात्रों को अपने राडार पर ले रखा है।

पुलवामा में आतंकी हमले में उत्तराखंड समेत देश भर के जांबाजों की शहादत को लेकर गम और गुस्से के बीच पड़ोसी मुल्क को कड़ा सबक सिखाने की आवाज उठने का सिलसिला जारी है।

इसी के तहत देहरादून, हरिद्वार समेत पूरे उत्तराखंड में लोग जुलूस और कैंडल मार्च निकालकर अपनी भावनाएं प्रदर्शित कर रहे हैं। इस दौरान कई जगह देश विरोधी नारे लगने और देहरादून में पढ़ाई कर चुके दो छात्रों के आतंकी बनने को लेकर यह भी मांग उठी कि कश्मीरी छात्रों के यहां के शिक्षण संस्थानों में दाखिले पर रोक लगाई जाए।

इसके बाद चंद कश्मीरी छात्र भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए और उन्होंने ऐसे कई आपत्तिजनक पोस्ट डाल दिए, जिससे यह लगने लगा कि कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है।

मगर हकीकत इससे कोसों दूर है। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने इस बात संतोष जताया कि देहरादून में कश्मीरी छात्र-छात्राएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मगर डेढ़ सौ के करीब छात्रों की वापसी सवाल खड़ा करती है।

हालांकि, तर्क यह दिया जा रहा है कि शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित होने के चलते अधिकांश छात्र चले गए हैं। असल वजह क्या रही और आने वाले समय में इसे लेकर क्या तर्क दिए जाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।

सात कश्मीरी छात्रों ने छोड़ा हॉस्टल

सोशल मीडिया पर देश विरोधी कृत्य में कथित तौर पर शामिल रहे रुड़की की क्वांटम ग्लोबल यूनिवर्सिटी के सात कश्मीरी छात्र भी अपने घर वापस लौट गए। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच उनके जम्मू-कश्मीर जाने का प्रबंध किया। वहीं इस मामले को लेकर हंगामा करने वालों को भी पुलिस चिह्नित कर रही है।

तो सोपोर में गिरफ्तार है दिलावर

प्रेमनगर के कॉलेज का छात्र रहा कश्मीरी मूल का छात्र दिलावर लोन जम्मू-कश्मीर में सेना पर पत्थरबाजी में शामिल रहा है। दिलावर बीते दिसंबर महीने से संदिग्ध हालात में लापता है। सूत्रों की मानें तो दिलावर को जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। सुरक्षा एजेंसियां अब दिलावर के सहयोगियों की तलाश कर रही हैं।

शोएब भी था दून का छात्र

बीती 13 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में सेना की मुठभेड़ में मारा गया आतंकी शोएब अहमद लोन भी देहरादून के प्रेमनगर के एक संस्थान का छात्र था। शोएब यहां से बीते साल जून महीने में अचानक गायब हो गया था। इसके कुछ दिन बाद सोशल मीडिया पर फोटो के साथ उसकी पोस्ट आई, जिसमें उसके हिजबुल मुजाहिद्दीन ज्वाइन करने की बात लिखी गई थी।

इस पर हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार, जांच में पता चला कि शोएब दून में आने से पूर्व से आतंकी संगठनों के संपर्क था। उसका पिता भी हिजबुल का कमांडर था, जो सेना के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। जब शोएब काफी छोटा था।

कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम 

आइजी गढ़वाल परिक्षेत्र अजय रौतेला के अनुसार देहरादून और हरिद्वार में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए हरसंभव इंतजाम किए गए हैं। पीडीपी के प्रतिनिधिमंडल ने भी कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर संतोष जताया है। वहीं, उन पर कार्रवाई भी की जा रही है, जो अवांछनीय गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। कश्मीरी छात्रों के घर वापसी का कारण संस्थानों में अवकाश होना है।

कश्मीरी छात्र-छात्राओं का वेरिफिकेशन जरूरी: धन सिंह

प्रदेश सरकार अब कश्मीरी छात्र-छात्राओं को राज्य के शिक्षण संस्थानों में दाखिला देने से पहले उनका वेरिफिकेशन कराएगी। किसी भी संदिग्ध को दाखिला नहीं दिया जाएगा।

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद राज्य में पढ़ रहे कश्मीरी युवाओं की ओर से सोशल मीडिया पर आतंकियों का समर्थन किए जाने के मामले सामने आए थे। इसे देखते हुए आम जनमानस में आक्रोश उत्पन्न हो गया था। कश्मीरी छात्र-छात्राओं का विरोध होने पर सरकार की ओर से उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई गई।

अब इस मामले में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में कश्मीरी छात्र-छात्राओं को दाखिला देने से पहले उनके बारे में पूरी जानकारी एकत्र की जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता या संदिग्ध पाए जाने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में छात्र के संबंधित जिले के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान से वेरिफिकेशन कराया जाएगा।

उधर, काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने देहरादून से कश्मीरी छात्र-छात्राओं को पीडीपी नेताओं के कश्मीर ले जाने पर आपत्ति की है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को ले जाने का जिम्मा अभिभावकों पर है। यह कार्य किसी अन्य को नहीं दिया जा सकता है। छात्र-छात्राओं को ले जाने के मामले में कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा का भार राज्य सरकार पर है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी सरकार से कश्मीरी छात्र-छात्राओं का वेरिफिकेशन कराए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बगैर वेरिफिकेशन के छात्र-छात्राओं के दाखिले पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

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