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कश्मीर के देशभक्त युवाओं ने आतंकी समर्थकों को दिखाया आईना

कश्मीर में आतंकी समर्थक भले ही सेना व सुरक्षाबलों के खिलाफ कितना भी दुष्प्रचार कर लें, लेकिन घाटी के युवाओंं में फौजी बनकर देश सेवा करने के जज्बे को कम नहीं कर पाए।  पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के पांच दिन बाद उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के श्रीगुंतमुला में मंगलवार को 161 टेरिटोरियल आर्मी की ओर से भर्ती रैली का आयोजन किया गया। युवाओं में फौजी बनने का जुनून सिर चढ़कर बोला और 111 पदों के लिए क्षेत्र के 2500 युवाओं ने पूरा दमखम लगा दिया। कड़ाके की ठंड में भी युवा लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। ऐसा कर युवाओंं ने सेना विरोधी एजेंडे को शह देने वालों को भी आईना दिखाया। भर्ती रैली का आयोजन कर रही सेना भी इन युवाओंं के जोश की कायल दिखी।

भर्ती होने आए कश्मीरी युवा बिलाल अहमद ने कहा कि वे सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहता है। सेना में शामिल होकर वे अपने परिवार को भी अच्छा जीवन दे सकता है। इससे ज्यादा किसी को क्या चाहिए। वहीं कश्मीर में बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कुछ अन्य युवाओं ने कहा कि रिक्त पदों को बढ़ाकर अधिक युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका दिया जाना चाहिए।

सेना में शामिल होने के लिए कश्मीरी युवाअों का जोश इस लिए भी अहम है, क्योंकि कश्मीर में देश विरोधी तत्व युवाओं को सेना में भर्ती न होने की धमकियां देते हैं। गत वर्ष आतंकवादियों ने कश्मीर के सैनिक मुख्तार अहमद, पुंछ के राइफलमैन औरंगजेब व उससे पहले 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को शहीद कर दिया था। आतंकियों के हमले भी स्थानीय युवाओं के फौजी बनने के हौसले पस्त नहीं कर पाए हैं।

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