उत्तर प्रदेशप्रदेश

भारतीय दस्तावेजाें के साथ पाकिस्तानी नागरिक वकास हुआ था गिरफ्तार, दस साल बाद लौटेगा वतन

कानपुर के बिठूर से 10 साल पहले पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक वकास को सजा पूरी होने के बाद मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया। उसे एलआईयू व बिठूर पुलिस को सौंपा गया है। पुलिस उसे नई दिल्ली स्थित डिटेंशन सेल ले जाएगी। यहां उसे रखा जाएगा।

सेल की रिपोर्ट पर गृह और विदेश मंत्रालय उसे पाकिस्तान भेजने के लिए एंबेंसी से बात करेंगे। पाकिस्तान सरकार उसे लेने को राजी हुई तो उसे भेज दिया जाएगा। नहीं राजी होती है तो वकास को डिटेंशन सेल में ही रखा जाएगा। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक वकास को डिटेंशन सेल भेजे जाने संबंधी आदेश अभी नहीं मिले हैं।

27 मई 2009 को पकड़ा गया था वकास
इसलिए उसे पुलिस और खुफिया की निगरानी में बिठूर थाने में ही रखा गया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि गृह मंत्रालय से आदेश आने में एक-दो दिन का वक्त लग सकता है। तब तक वकास को थाने में ही रखा जाएगा। वकास ने जेल में सजा काटने के दौरान पढ़ाई भी की। उसने इग्नू से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके अलावा फूड एंड न्यूटीशियन का डिप्लोमा कोर्स किया।

पाकिस्तानी नागरिक वकास अहमद उर्फ महमूद कादिर मोहल्ला रावी रोड लाहौर (पाकिस्तान) का रहने वाला है। एटीएस के तत्कालीन इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह (वर्तमान में सीओ डेरापुर कानपुर देहात) ने उसे बिठूर इलाके से 27 मई 2009 को गिरफ्तार किया था।

नक्शा व गोपनीय दस्तावेज हुए थे बरामद
तब वकास ने एटीएस अफसरों को बताया था कि वह 2005 में भारत-पाकिस्तान का मैच देखने दिल्ली आया था। एक होटल में ठहरा था, जहां से उसका पासपोर्ट और वीजा चोरी हो गया था। इसके बाद से वह चोरी-छिपे भारत में रह रहा था। इसके बाद उसे बिठूर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। उसे 10 साल की सुजा सुनाई गई थी।

वकास भारत में भले ही मैच देखने आने की बात कह रहा हो लेकिन गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से भारत का नक्शा व गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए थे। इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह के मुताबिक वकास यहां पर रहकर खुफिया जानकारी जुटा रहा था। इसके साक्ष्य भी मिले थे, जिस पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

औरैया की युवती से किया था निकाह
वकास कानपुर से भागकर एक बार मुंबई चला गया था। वहां पर उसकी मुलाकात औरैया निवासी कारोबारी से हुई थी। उसका कारोबारी के घर आना-जाना हो गया था। वकास ने खुद के पाकिस्तानी होने की बात छिपाकर कारोबारी की बेटी से निकाह कर लिया था। दोनों के एक संतान भी है। वकास की गिरफ्तारी के बाद वकास की हकीकत सामने आई, तो आपसी सहमति से कारोबारी की बेटी उससे अलग हो गई थी।

जिला कारागार से निकले वकास के चेहरे पर खुशी साफ नजर आ रही थी। वह हंसते हुए जेल से बाहर निकला और बिठूर थाने की जीप में बैठ गया। कुछ पुलिस कर्मियों के पूछने पर वकास ने कहा कि करीब 20 साल की उम्र में पकड़ा गया था। अब वह 30 साल का हो गया है। अब वह अपने मुल्क जाकर परिवार के साथ रहेगा और कामधंधा करेगा।

एसएसपी अनंत देव ने कहा वकास को नई दिल्ली स्थित डिटेंशन सेल भेजा जाएगा। इस संबंध में गृह मंत्रालय को वकास से जुड़े कागजात फैक्स व ई-मेल से भेज दिए हैं। वहां से आदेश आने के बाद वकास को डिटेंशन सेल भेजा जाएगा। इस कार्रवाई में एक-दो दिन का वक्त लग सकता है।

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